Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2019 12:56 PM
अमेरिकी सरकार को अंदेशा है कि हुआवे चीन की सरकार के साथ अहम जानकारी साझा कर रही है, इसलिए वह इस दूरसंचार कंपनी का विरोध कर रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि हुआवे चीनी सरकार का ही एक माध्यम है।
नई दिल्लीः अमेरिकी सरकार को अंदेशा है कि हुआवे चीन की सरकार के साथ अहम जानकारी साझा कर रही है, इसलिए वह इस दूरसंचार कंपनी का विरोध कर रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि हुआवे चीनी सरकार का ही एक माध्यम है। चीन के साथ व्यापार युद्ध को बढ़ाते हुए अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने सुरक्षा चिंताओं के चलते हुआवे को काली सूची में डाल दिया है। साथ ही अमेरिकी कंपनियों को उसके दूरसंचार उपकरण उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एजेंसी की खबरों के मुताबिक इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं में हुआवे के मामले को शामिल किए जाने की संभावना जतायी थी। पोम्पिओ ने फॉक्स बिजनेस न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा हुआवे चीनी सरकार का ही माध्यम है और वे बहुत गहरे तक जुड़े हुए हैं। उन्होंने अमेरिका के हुआवे को वैश्विक स्तर पर रोकने से जुड़े प्रयासों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसे समझना अमेरिकियों के लिए बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां सरकार के साथ सहयोग करें और नियमों का पालन करें लेकिन कोई भी राष्ट्रपति अमेरिका की निजी कंपनियों को निर्देश नहीं दे सकता जबकि चीन में यह बात बहुत अलग है।
अमेरिका को आर्थिक आतंकवाद का समर्थक बताया
वहीं अमेरिका के रवैये पर चीन ने अमेरिका पर जोरदार हमला बोलते हुए उस पर ‘खुल्लम खुल्ला आर्थिक आतंकवाद’ फैलाने का आरोप लगाया। दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच काफी समय से विवाद जारी रहे। व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अटकी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी महीने चीन की वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया है। चीन की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुआवे को काली सूची में डाला है।