Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 04:43 PM
एफएमसीजी कंपनी एचयूएल और अमूल आइसक्रीम के विज्ञापन विवाद पर एचयूएल ..
नई दिल्लीः एफएमसीजी कंपनी एचयूएल और अमूल आइसक्रीम के विज्ञापन विवाद पर एचयूएल को राहत नहीं मिली है। मुंबई हाईकोर्ट ने अमूल आइसक्रीम के विज्ञापन पर रोक लगाने की एचयूएल की अपील पर अन्तरिम रोक लगाने से मना कर दिया है। अमूल अपने आइसक्रीम के विज्ञापन को जारी रख सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी। हालांकि इस पूरे मामले पर अमूल कंपनी का कहना है कि बाकी कंपनियां कम कीमत वाली सामग्री का इस्तेमाल कर रही हैं। कंपनियां रियल प्रोडक्ट ढूंढ रहे कस्टमर को भ्रमित कर रही हैं। अमूल कंपनी कस्टमर को ये फर्क ही बता रही है।
कंपनी पर लगा था यह आरोप
बता दें कि गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) का ब्रांड अमूल है। अमूल इसी नाम से आइसक्रीम ब्रांड चलाती है। एचयूएल का क्वालिटी वॉल्स नाम से आइसक्रीम ब्रांड है। अमूल ने हालिया विज्ञापन में अपनी आइसक्रीम को रियल मिल्क से बनी आइसक्रीम बताया है। जबकि दूसरी कंपनियों की फ्रोजन डेजर्ट को वेजिटेबल ऑयल से बना हुआ बताया है जिस पर एचयूएल कंपनी को ऐतराज है। हालांकि विज्ञापन में दूसरी कंपनी की आइसक्रीम की जो तस्वीर छापी है उस पर किसी का नाम नहीं है मगर फोटो देखकर इस बात का आभास हो जाता है कि वह किस कंपनी की है।