माल्या ने तोड़ी चुप्पी, जारी की 2 साल पहले PM मोदी को लिखी चिट्ठी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2018 05:00 AM

i ve become poster boy of bank default vijay mallya

भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वो बैंकों का पैसा चुकाने के लिए तैयार है। माल्या ने कहा है कि बैंकों के साथ मामला सुलझाने के लिए हर संभव कोशिश की है

बिजनेस डेस्कः भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखे पत्र को आज सार्वजनिक करते हुए कहा कि बैंक धोखाधड़ी के लिए उनको 'पोस्टर बॉय' बना दिया गया जबकि उन्होंने बैंकों के बकाए के निपटान के लिए हरसंभव कोशिश की है।
 


वित्त मंत्री और PM ने नहीं दिया पत्र का जबाव 
माल्या ने आज कहा कि वह बहुत दिनों से चुप बैठे थे लेकिन अब उन्हें अपना पक्ष रखने का सही समय आ गया है। इसलिए वह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को 15 अप्रैल 2016 को लिखे पत्र को सार्वजनिक कर रहे हैं। न तो प्रधानमंत्री और न ही वित्त मंत्री ने उनके पत्र का जबाव दिया था। उन्होंने कहा कि राजनेताओं की तरह मीडिया ने भी उन्हें चोरी करने और 9,000 करोड़ रुपए लेकर भाग जाने का आरोपी बना दिया जबकि ऋण किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था। कुछ ऋणदाता बैंकों ने भी उन्हें जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों की श्रेणी में डाल दिया। 
 



संपत्तियों को किया जब्त 
माल्या ने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरकार और बैंकों के इशारे पर उन पर अपुष्ट एवं पूरी तरह से गलत आरोप लगाए हैं। ईडी ने उनके समूह की कंपनियों या उनके परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनियों की संपत्तियों को हवाला निरोध कानून (पीएमएलए) के तहत जब्त किया, जिसका मूल्य करीब 13,900 करोड़ रुपए है। उन्होंने सरकारी बैंकों के बकाए को निपटाने के लिए हमेशा तैयार रहने का दावा करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 17 बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस को 5,500 करोड़ रुपए के कई ऋण दिए। 
 


संपत्ति बेचकर 600 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की जा चुकी है और 1,280 करेाड़ रुपए कर्नाटक उच्च न्यायालय में 2013 से जमा है। उन्होंने कहा कि सभी ऋण प्रत्येक बैंक द्वारा सभी स्तरों और उचित विभागों के अनुमोदन पर दिए गए थे। अंतत: वर्ष 2010 में रिजर्व बैंक की अनुमति पर मास्टर ऋण रिकास्ट अनुबंध के तहत पुनगर्ठित किए गए क्योंकि उस समय भारतीय एयरलाइन उद्योग भारी दबाव में था। इसके बाद स्टेट बैंक ने जनवरी 2012 में रिजर्व बैंक को एक पत्र लिखा था जिसमें उसने कहा था कि स्थिति किंगफिशर एयरलाइंस के काबू से बाहर हो चुकी थी और इसकी भी पुष्टि की थी कि एयरलाइन के प्रवर्तकों (यूबी ग्रुप) ने इसमें पर्याप्त धनराशि निवेश की है। इस पत्र की प्रति को भी माल्या ने सार्वजनिक किया है।
 


उन्होंने कहा कि परिस्थित बस काबू के नियंत्रण से बाहर होने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने के बाद बैंकों ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण के समक्ष 5,000 हजार करोड़ रुपए के मूलधन और 1200 करोड़ रुपए के ब्याज की वूसली के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष बैंकों के साथ बकाया समाधान के लिए 29 मार्च 2016 और 6 अप्रैल 2016 को दो पेशकश की गई थी। पहले ऑफर में 4 हजार करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी जबकि दूसरे में इस राशि को बढ़ाकर 4,400 करोड़ रुपए कर दी गई थी। 
  

 

 

 

 

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!