Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 Aug, 2018 04:52 PM
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण विमान सेवा कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है और इसलिए अब सस्ते हवाई किराए के दिन लद सकते हैं तथा विमानन क्षेत्र की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह आशंका...
जेनेवाः कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण विमान सेवा कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है और इसलिए अब सस्ते हवाई किराए के दिन लद सकते हैं तथा विमानन क्षेत्र की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह आशंका जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई में दुनिया के सभी क्षेत्रों में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ी है। विमान सेवा कंपनियों का प्रति यात्री प्रति किलोमीटर राजस्व साल-दर-साल आधार पर 6.2 फीसदी बढ़ा जबकि जून में इसमें 8.1 फीसदी की गिरावट देखी गई थी। जुलाई में एयरलाइंस की क्षमता यानी सीट किलोमीटर उपलब्धता 5.5 फीसदी बढ़ी। पैसेंजर लोड फैक्टर यानी भरी सीटों का अनुपात 0.6 फीसदी बढ़कर 85.2 पर पहुंच गया जो किसी भी साल के दौरान जुलाई महीने में सर्वाधिक है।
आयटा के महानिदेशक एलेक्जेंडर डी जुनैक ने कहा विमानन उद्योग में जुलाई में मजबूत वृद्धि देखी गई। रिकॉर्ड पैसेंजर लोड फैक्टर इस बात की पुष्टि करता है कि विमान सेवा कंपनियाँ मांग पूरी करने के लिए क्षमता बढ़ाने में ज्यादा कुशल हुई हैं। हालांकि, लागत बढ़ने से विशेषकर विमान ईंधन के मद में कम किराए के कारण क्षेत्र को मिली रफ्तार पर अंकुश लग सकता है। इसलिए वर्ष 2017 की तुलना में वृद्धि दर में लगातार गिरावट की अपेक्षा है। घरेलू यात्रियों की संख्या के मामले में लगभग सभी देशों में बढ़ोतरी हुई है। इसमें चीन, भारत और रूस ने दहाई अंक की वृद्धि दर के साथ दुनिया के नेतृत्व किया है।