कर्ज देने के मामले में बैंकिंग को सुगम बनाने पर काम कर रहा है आईबीए: सीईओ

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jul, 2020 04:55 PM

iba working on facilitating banking in terms of lending ceo

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) कर्ज देने के मामले में बैंकिंग को सुगम बनाने पर काम कर रहा है और कोविड-19 संकट के बीच तेजी से निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आईबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता

नई दिल्लीः भारतीय बैंक संघ (आईबीए) कर्ज देने के मामले में बैंकिंग को सुगम बनाने पर काम कर रहा है और कोविड-19 संकट के बीच तेजी से निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आईबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि सदस्य बैंक ऋण उत्पादों के डिजिटलीकरण पर काम कर रहे हैं ताकि ऋण की प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो। 

उन्होंने कहा, "बैंकिंग में सुगमता आईबीए के प्रमुख एजेंडे में से एक है और बैंकर इसके बारे में सोच रहे हैं। बैंकरों को तेजी से वितरण के बारे में सोचना होगा। बैंक इस महामारी को अपने ऋण उत्पादों के डिजिटलीकरण के लिए अवसर में बदल रहे हैं, अब से 6 महीने बाद आप अधिक डिजिटल ऋण उत्पाद पाएंगे।'' उन्होंने ‘पीएसबी लोन्स इन 59 मिनट्स' पोर्टल का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के ‘एल्गोरिदम' आधारित निर्णय लेने के मंच को ऋण की पूरी अवधि तक के लिए प्रभावी बनाया जा सकता है, ताकि मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो। 

उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक वेबिनार में उन्होंने कहा, "बैंकिंग पिछले 10 वर्षों के दौरान बदल गई है। आगे इसमें और बदलाव होने जा रहे हैं। इन सुधारों की वास्तव में जरूरत है। बैंकर्स इस पर काम कर रहे हैं।" भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार खारा ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को सभी तरह के समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि बैंक ऋणों के पुनर्वास व पुनर्गठन के अनुरोध के लिए खुले हैं।

खारा ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों जैसे आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन को अच्छी तरहे से संभालने की आवश्यकता होगी। मेहता ने भी इसी तरह के विचार रखते हुए कहा कि सरकार ने आरबीआई से अनुरोध किया है कि वह महामारी से पीड़ित कुछ क्षेत्रों के लिए एकबारगी पुनर्गठन योजना पर विचार करे। उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों पर वास्तव में अलग से ध्यान देने की आवश्यकता होती है, वे हैं विमानन, आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन आदि। ये ऐसे क्षेत्र हैं जो उपभोग स्तर और यात्रा प्रतिबंधों के कारण महामारी के दौरान बहुत प्रभावित हुए हैं। हो सकता है कि सरकार इन क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज लाए या रिजर्व बैंक विशेष ऋण पुनर्गठन योजना पेश करे।''

खारा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र कुछ उम्मीद प्रदान करते हैं क्योंकि कृषि अर्थव्यवस्था बहुत बुरी तरह प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार दोनों के द्वारा 20.97 लाख करोड़ रुपए के विभिन्न उपायों के साथ आत्मानिर्भर भारत अभियान पैकेज से अर्थव्यवस्था की वृद्धि की महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मदद मिलेगी। 

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