Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Aug, 2019 05:01 PM
अमेरिका की आईटी कंपनी आईबीएम पर उसके ही पूर्व कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि कंपनी ने उम्र संबंधी भेदभाव के चलते पिछले कुछ सालों में एक लाख कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
सैन फ्रान्सिसकोः अमेरिका की आईटी कंपनी आईबीएम पर उसके ही पूर्व कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि कंपनी ने उम्र संबंधी भेदभाव के चलते पिछले कुछ सालों में एक लाख कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
आईबीएम के पूर्व सेल्समैन जोनाथन लैंगले की ओर से दायर किए गए मामले में एचआर वाइस प्रेजिडेंट ऐलन वाइल्ड का ने कथित तौर पर कहा, 'कंपनी से 50 हजार से 1 लाख वरिष्ठ कर्मचारियों को पिछले 5 साल या उससे ज्यादा सालों में निकाला जा चुका है'। उनका आरोप है कि आईबीएम ने दूसरी बड़ी टेक कंपनियों जैसे अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और फेसबुक के नक्शेकदम पर चलते हुए वरिष्ठ स्टाफ की जगह यंग कर्मचारियों को नियुक्त किया है।
कंपनी ने किया आरोप का खंडन
61 साल के लैंगले ने नए और यंग लोगों की भर्ती के नाम पर पुराने योग्य स्टाफ को निकालने को लेकर पिछले साल आईबीएम के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। हालांकि 108 साल पुरानी कंपनी आईबीएम ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि कंपनी उम्र के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती।
अपने बयान में आईबीएम ने कहा, 'हम हर साल 50 हजार कर्मचारियों को हायर करते हैं और करीब 50 करोड़ डॉलर उनकी ट्रेनिंग पर खर्च करते हैं। हमारे पास हर दिन 8 हजार से ज्यादा जॉब ऐप्लिकेशन आते हैं। इसलिए यह साफ है कि आईबीएम की रणनीति और भविष्य की दिशा के बारे में जबर्दस्त उत्साह है।'
प्रोपब्लिका में भी छपी थी छंटनी की रिपोर्ट
हालांकि आईबीएम ने इस समयावधि में अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के करीब तीन हिस्सों के बराबर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जबकि कंपनी में नए लोगों की जमकर भर्ती हुई। इससे पहले अमेरिकी पब्लिकेशन प्रोपब्लिका ने भी मार्च में एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें कहा गया था कि आईबीएम ने पिछले पांच सालों में 40 और इससे अधिक उम्र वाले करीब 20 हजार कर्मचारियों की छंटनी की।