ICICI बैंक ने चंदा कोचर को दी क्लीन चिट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Apr, 2018 10:12 AM

icici bank gives clean chit to chanda kochhar

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के बोर्ड ने जांच एजैंसियों को धत्ता बताकर सी.ई.ओ. चंदा कोचर में पूर्ण विश्वास जताया और उन्हें बिना सोचे-समझे ही क्लीन चिट दे दी। एक सरकारी स्रोत के मुताबिक सी.बी.आई. वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को दिए गए लोन में हुए...

नई दिल्लीः आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के बोर्ड ने जांच एजैंसियों को धत्ता बताकर सी.ई.ओ. चंदा कोचर में पूर्ण विश्वास जताया और उन्हें बिना सोचे-समझे ही क्लीन चिट दे दी। एक सरकारी स्रोत के मुताबिक सी.बी.आई. वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को दिए गए लोन में हुए गड़बड़झाले की जांच कर रही है। पिछले हफ्ते हुई बैठक में जब चंदा कोचर को क्लीन चिट दी गई थी तो उस समय बैंक बोर्ड के 2 सदस्य-सरकार की ओर से नामांकित अमित अग्रवाल, जिन्हें बाद में बदल दिया गया और लाइफ इंश्योरैंस कार्पोरेशन के अध्यक्ष वी.के. शर्मा मौजूद नहीं थे। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उन्होंने बोर्ड के निर्णय पर समझौता किया या नहीं।

बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी कर जताया पूर्ण विश्वास
अग्रवाल की जगह लोक रंजन को स्थानांतरित किया गया है, हालांकि बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि यह कदम हाल की घटनाओं से शुरू नहीं हुआ है क्योंकि दोनों वित्तीय सेवा विभाग के संयुक्त सचिव हैं। सरकारी सर्कलों में कुछ लोगों ने कोचर का खुले रूप से समर्थन किया। 28 मार्च को बैंक बोर्ड ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि वह अपनी एम.डी. और सी.ई.ओ. में पूर्ण विश्वास व आत्मविश्वास जताता है। यह सवाल ही पैदा नहीं होता है कि उन्होंने लोन देने में पक्षपात या भाई-भतीजावाद किया हो।

जांच के लिए बाहरी एजैंसी नियुक्त
बोर्ड के बयान के बाद एक नोट में सेबी द्वारा पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक हेमिन्द्र हजारी ने कहा था कि निर्देशकों ने व्हिसलब्लोअर के आरोपों के बारे में नहीं बताया। बोर्ड ने विशिष्ट आरोपों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया और न ही बताया कि उन्होंने कोई जानकारी मांगी थी और वह संतुष्ट हो गया। हजारी ने नोट में कहा, ‘‘क्या बोर्ड ने न्यूपावर के प्रोमोटर (चंदा कोचर के पति दीपक कोचर) और वीडियोकॉन के बीच के व्यवहार के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था?’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में बोर्ड ने आरोपों की जांच के लिए कम से कम एक बाहरी एजैंसी नियुक्त की है और एजैंसी को सीधे अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपनी चाहिए।’’

सरकार के लिए अजीबोगरीब स्थिति
बोर्ड ने जो विज्ञप्ति जारी की है उसमें कहा गया है कि बोर्ड को किसी भी गलत काम का कोई प्रमाण नहीं मिल रहा है और उसे सी.ई.ओ. में पूर्ण विश्वास है। चूंकि सरकार या एल.आई.सी. के नामांकित व्यक्ति से कोई विपरीत बयान नहीं आया है इसलिए इसका अर्थ है कि कोई असहमति भी नहीं हुई है। सरकार के लिए यह अजीबोगरीब स्थिति है कि एक तरफ वह आई.सी.आई.सी.आई. बैंक द्वारा वीडियोकॉन को दिए गए 3250 करोड़ रुपए के लोन की जांच करवा रही है और दूसरी तरफ उसके प्रतिनिधि बोर्ड के बयान के साथ जा रहे हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!