Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Mar, 2019 12:49 PM
आईसीआईसीआई बैंक-विडियोकॉन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की। ये छापेमारी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के ठिकानों पर की गईं।
नई दिल्लीः आईसीआईसीआई बैंक-विडियोकॉन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की। ये छापेमारी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के ठिकानों पर की गईं। इनमें मुंबई और औरंगाबाद की कुछ जगहें शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले जनवरी में सीबीआई ने महाराष्ट्र में चंदा के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी।
विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन का मामला है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपए का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपए न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपए में ट्रांसफर कर दिया।