Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Dec, 2018 04:40 PM
एयर इंडिया के पायलट की यूनियन इंडियन कर्मिशयल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने कहा है कि इस सरकारी एयरलाइन के बाजार में पिछडऩे की वजह विमानों की संख्या में कमी है।
मुंबईः एयर इंडिया के पायलट की यूनियन इंडियन कर्मिशयल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने कहा है कि इस सरकारी एयरलाइन के बाजार में पिछडऩे की वजह विमानों की संख्या में कमी है। एयर इंडिया के बेड़े में पतली पेटी के विमान चलाने वाले पायलटों के इस मंच का कहना है कि कंपनी के विमानों का बेड़ा बड़ा करने की दीर्घावधि की योजना बनाने की जरूरत है।
आईसीपीए ने कहा है, ‘‘हम घरेलू बाजार में एक स्तर पर अटके हुए हैं। अभी हम घरेलू मार्गों पर रोजाना 350 उड़ानों का परिचालन कर रहे हैं। दस साल पहले भी हम 300 उड़ानों का परिचालन करते थे। एयर इंडिया की सभी उड़ानों में बुकिंग का स्तर काफी ऊंचा है लेकिन क्षमता कम होने की वजह से हमारी बाजार हिस्सेदारी घटती जा रही है।’’ नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को पिछले सप्ताह लिखे पत्र में आईसीपीए ने कहा है कि जहां अन्य विमानन कंपनियों ने एयरबस और बोइंग को बड़ी संख्या में विमानों के आर्डर दिए हैं वहीं एयर इंडिया की योजना आगे चल कर सिर्फ पांच विमान शामिल करने की है।
पत्र में आईसीपीए ने बजट विमानन कंपनी इंडिगो का उदाहरण दिया है जिसकी उड़ानों की संख्या 10 साल में 1,000 उड़ानें प्रतिदिन पर पहुंच गई है। आईसीपीए ने बताया कि एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी जनवरी, 2014 में 19.8 प्रतिशत थी जो इस साल सितंबर में घटकर 11.8 प्रतिशत पर आ गई। यह एयर इंडिया की अब तक की सबसे कम बाजार हिस्सेदारी है। वहीं गुरुग्राम की बजट विमानन कंपनी इंडिगो की घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक हो गई है।