Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Aug, 2018 06:02 PM
सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक को 30 जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,409.89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। डूबे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान के चलते बैंक को नुकसान हुआ।
नई दिल्लीः सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक को 30 जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,409.89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। डूबे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान के चलते बैंक को नुकसान हुआ। इससे पहले, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भी उसे 853 रुपए का घाटा उठाना पड़ा था।
बैंक का गैर निष्पादित अस्तियां (एनपीए) या डूबे कर्ज के लिए कुल प्रावधान तिमाही के दौरान बढ़कर 5,236.07 करोड़ रुपए हो गया। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसी मद में उसने 2,035.96 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। इस, दौरान सिर्फ डूबे कर्ज के लिए प्रावधान 1,873.21 करोड़ रुपए से बढ़कर 4,602.55 करोड़ रुपए हो गया।
आईडीबीआई बैंक ने नियामकीय जानकारी में कहा कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय गिरकर 6,402.50 करोड़ रुपए रही, जो एक वर्ष पहले की इसी अवधि में 6,730.88 करोड़ रुपए रही थी। बैंक की सकल गैर निष्पादित अस्तियां (एनपीए) सकल कर्ज का 30.78 प्रतिशत यानी 57,806.84 करोड़ रुपए रहीं। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 24.11 प्रतिशत यानी 50,173.20 करोड़ रुपए था। इस दौरान, बैंक का शुद्ध एनपीए भी 15.8 प्रतिशत से बढ़कर 18.76 प्रतिशत रहा।
उल्लेखनीय है कि सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने कर्ज के बोझ तले दबी आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अगस्त को इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।