Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Aug, 2018 12:42 PM
दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम की सालाना नीलामी के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसके तहत हर साल नीलामी में स्पेक्ट्रम की एक पूर्व निर्धारित मात्रा की पेशकश की जाएगी और अगले कुछ वर्षों के लिए योजना का खाका भी होगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो...
नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम की सालाना नीलामी के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसके तहत हर साल नीलामी में स्पेक्ट्रम की एक पूर्व निर्धारित मात्रा की पेशकश की जाएगी और अगले कुछ वर्षों के लिए योजना का खाका भी होगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो इसे अगली नीलामी में लागू किया जा सकता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) 5जी सहित विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए अपनी सिफारिशें पहले ही सौंप चुका है। इस प्रस्ताव को लागू करने की स्थिति में नीलामी की मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ेगा। अभी कुछ वर्षों में अंतराल में या फिर उद्योग की जरूरत के मुताबिक कम अंतराल में नीलामी आयोजित की जाती है।
दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम एक दिलचस्प प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं जिसमें स्पेक्ट्रम की नीलामी बहुत बड़ा आयोजन नहीं रह जाएगी। हम हर साल स्पेक्ट्रम की नीलामी के बारे में एक स्पष्ट समयसारणी बनाएंगे। नीलामी की तारीख और स्पेक्ट्रम की मात्रा पूर्व निर्धारित होगी। इससे दूरसंचार कंपनियों को एक ही बार में बहुत सारा पैसा लगाने की जरूरत नहीं होगी।’
ट्राई ने 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500 और 3500 बैंड में 4948.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की सिफारिश की है। नियामक ने इनके लिए जो आधार मूल्य तय किया है, उसके हिसाब से सरकार को पूरा स्पेक्ट्रम बिकने पर 5,056 अरब रुपए की भारी भरकम कमाई हो सकती है।