Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2018 03:36 PM
आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया की मेगा मर्जर डील में देरी हो सकती है और यह 30 जून के पार जा सकती है। सूत्रों के अनुसार दूरसंचार विभाग मर्जर से पहले वोडाफोन इंडिया से 4700 करोड़ रुपए की फ्रेश डिमांड करने की तैयारी में है।
बिजनेस डेस्कः आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया की मेगा मर्जर डील में देरी हो सकती है और यह 30 जून के पार जा सकती है। सूत्रों के अनुसार दूरसंचार विभाग मर्जर से पहले वोडाफोन इंडिया से 4700 करोड़ रुपए की फ्रेश डिमांड करने की तैयारी में है। वोडाफोन अपने सभी आर्म्स को एक कंपनी में मर्ज करने जा रही है और कंपनी पर वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्जेज के 4700 करोड़ रुपए ड्यू है।
वोडाफोन इंडिया ने चुकाए थे सिर्फ 2000 करोड़
साल 2015 में वोडाफोन ने अपनी 4 सब्सिडियरी वोडाफोन ईस्ट, वोडाफोन साउथ, वोडाफोन सेल्युलर और वोडाफोन डिजीलिंक को वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज में मर्ज किया था, जो अब वोडाफोन इंडिया है। उस दौरान दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन से वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्जेज के रूप में 6678 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। इस डिमांड को वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद वोडाफोन ने सिर्फ 2000 करोड़ रुपए वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्जेज के रूप में पे किए।
लीगल ओपीनियन के बाद डिमांड की तैयारी
इस बारे में दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन-आइडिया मर्जर के क्रम में प्रशासनिक तौर पर वोडाफोन को स्पेक्ट्रम अलोकेट किए जाने के मसले पर लीगल ओपीनियन ली। इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र के अनुसार डिपार्टमेंट को लीगल ओपीनियन मिल चुकी है। जिसके बाद से डिपार्टमेंट अब वाडोफोन इंडिया से अगले हफ्ते 4700 करोड़ रुपए के फ्रेश डिमांड करने की तैयारी में है। यह भी लीगल ओपीनियन ली गई कि क्या यह कोर्ट की जानबूझकर की गई अवमानना होगी।
बता दें कि वोडाफोन इंडिया और आइडिया के मर्जर के बाद नई कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड प्रस्तावित है जो देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर कंपनी बन जाएगी। जिसकी वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए होगी। फिलहाल भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी है। आइडिया और वोडाफोन पर इस समय करीब 1.15 लाख रुपए का कर्ज है। मर्जर के बाद वोडाफोन का शेयर 45.1 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप को शेयर 26 फीसदी, आइडिया के शेयर धारकों का शेयर 28.9 फीसदी होगा।