Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2021 02:17 PM
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसमएई) मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऐसे उत्पादों की पहचान के लिए और शोध करने की जरूरत है, जिनका विनिर्माण देश में हो सकता है। उन्होंने कहा ये उत्पाद आयात का लागत-दक्ष विकल्प हो सकते हैं।
नई दिल्लीः केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसमएई) मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऐसे उत्पादों की पहचान के लिए और शोध करने की जरूरत है, जिनका विनिर्माण देश में हो सकता है। उन्होंने कहा ये उत्पाद आयात का लागत-दक्ष विकल्प हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों तथा उद्योग संघों को इन विकल्पों की पहचान के लिए और शोध करने की जरूरत है, ताकि आयात पर अंकुश लगाया जा सके।
गडकरी ने शुक्रवार को एक वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कलपुर्जों का आयात करने के बजाय उद्योग को वेंडरों को उनके देश में बने विकल्प को तलाशने में मदद करनी चाहिए। मराठा एक्सिलेरेटर फॉर ग्रोथ एंड इन्क्यूबेशन काउंसिल (मैजिक) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उद्योग को अपने वेंडरों का समर्थन और मदद करनी चाहिए, जिससे वे सभी कलपुर्जों का उत्पादन देश में ही कर सकें।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में वैकल्पिक कलपुर्जे का दाम 10 से 20 प्रतिशत अधिक हो सकता है लेकिन जब इनका उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगेगा तो ये सस्ते दाम पर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हम आयात का घरेलू विकल्प तलाश करें। यह लागत-दक्ष और प्रदूषण-मुक्त भी होगा।