Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Feb, 2020 04:57 PM
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी दूरसंचार कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों को उसकी ''कीमत चुकानी पड़ेगी।'' इससे पहले शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि दूरसंचार
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी दूरसंचार कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों को उसकी 'कीमत चुकानी पड़ेगी।' इससे पहले शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपए के सांविधिक बकाए का भुगतान करना होगा। बता दें कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाए भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद टेलिकॉम विभाग ने कहा कि कंपनियां आज आधी रात से पहले बकाये का भुगतान करें।
दिवालियापन की स्थिति में असर व्यापक होगा
देश के सबसे बड़े कर्जदाता एसबीआई के प्रमुख ने कहा कि बैंक आगे के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। जब कुमार से यह पूछा गया कि यदि कोई दूरसंचार कंपनी दिवालियापन की ओर बढ़ती है तो इसका बैंकों पर क्या असर होगा। उन्होंने कहा, 'अगर किसी भी उद्यम पर नकारात्मक असर होता है तो इसका असर एक व्यापक व्यवस्था पर होगा। चाहे वे बैंक हों, चाहे कर्मचारी हों, चाहे वेंडर हों या ग्राहक, हर कोई प्रभावित होगा।'
Aircel और RCom को एनपीए कैटिगरी में रखा गया
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस समय एयरसेल और आरकॉम के खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दोनों कंपनियों ने दिवालिया घोषित होने के लिए आवेदन किया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बैंक जमाओं की बीमाराशि में बढ़ोतरी के चलते प्रीमियम का भार ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा।