Edited By Yaspal,Updated: 30 Mar, 2019 06:28 PM
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने बड़ा कदम उठाया है। एसबीआई ने ग्राहकों की सुविधा पर ध्यान देते हुए जमा बचत खातों की दर और लोन पर लगने वाली....
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने बड़ा कदम उठाया है। एसबीआई ने ग्राहकों की सुविधा पर ध्यान देते हुए जमा बचत खातों की दर और लोन पर लगने वाली ब्याज दरें भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट से जोड़ कर तय करेगा। जिसके बाद आरबीआई के रेपो रेट घटाने के तुरंत बाद एसबीआई बैंक अपनी ब्याज दरें कम करेगा। एसबीआई ऐसा पहला बैंक है जिसने अपने डिपॉजिट (जमा दरों) और कम अवधि के लोन पर ब्याज दरें आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ने का ऐलान किया है। लेकिन, डिपॉजिट पर ब्याज दरों का फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनका बैलेंस एक लाख रुपए से अधिक है।
एसबीआई ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा देते हुए होम और ऑटो लोन पर लगने वाले ब्याज की के तरीके को पूरी तरीके से बदलने का फैसला कर लिया है। क्योंकि एसबीआई ने ऐलान किया है कि आरबीआई के आरबीआई के रेपो रेट यानी की ब्याज दरें घटाने पर वो भी तुरंत अपनी ब्याज दरों को घटा देगा। इसके साथ आरबीआई रेपो रेट यानी की ब्याज दरें बढ़ाता है तो बैंक भी ब्याज दरें बढ़ा देगा।
बैंक का कहना है कि बैंक इस नए नियम 1 मई से लागू करेगा। लेकिन बैंक ने ये भी साफ कर दिया है कि इस नए नियम का फायदा सबको नहीं मिलेगा। इसका फायदा सिर्फ वही लोग उठा सकेंगे जिनके बचत खातों में एक लाख रुपये से अधिक राशि होगी। कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी पॉलिसी में यह नियम बदलने का फैसला लिया था। ताकि आरबीआई के रेपो रेट में की कटौती या बढ़ोतरी करते ही इसकी ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया जल्द हो सकें।