Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Feb, 2020 02:19 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में बैंक के खाताधारकों बड़ी राहत देते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस बढ़ा दिया है। अब यह 1 लाख रुपए के बजाय 5 लाख रुपए है।
बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में बैंक के खाताधारकों बड़ी राहत देते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस बढ़ा दिया है। अब यह 1 लाख रुपए के बजाय 5 लाख रुपए है। इसका मतलब है कि कोई बैंक डूबने पर अभी तक ग्राहकों को सिर्फ 1 लाख रुपए मिलते थे। अब वह 5 लाख रुपए हो गए हैं।
RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, सभी कमर्शियल बैंक एंड कोऑपरेटिव बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत आते हैं। सिर्फ प्राइमरी कोऑपरेटिव सोसायटी ही DICGC के दायरे में नहीं है।
DICGC के नियमों के तहत किसी बैंक में सेविंग्स खाता या FD रखने वाले ग्राहकों के मूल रकम और इंटरेस्ट को मिलाकर कुल 1 लाख रुपए तक का ही इंश्योरेंस होता था। अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
उदाहरण के तौर पर देखें तो PMC बैंक में जिन ग्राहकों के 1 लाख रुपए से ज्यादा जमा थे, बैंक डूबने के बाद उन्हें सिर्फ 1 लाख रुपए ही मिलेंगे। PMC बैंक डूबने के बाद ही सरकार ने यह कदम उठाया है।
लंबे समय से हाे रही थी मांग
इस बीमा को बढ़ाने की मांग काफी समय से की जा रही थी, क्योंकि अब के समय के हिसाब से 1 लाख रुपए की राशि ज्यादा नहीं है और सुरक्षित निवेश होने के नाते ज्यादातर लोग अपनी गाढ़ी कमाई बैंकों में ही रखते हैं। PMC घोटाले के बाद एक बार फिर इस मांग ने जोर पकड़ा था कि बीमा राशि को बढ़ाया जाए। पीएमसी बैंक में तो कई ग्राहकों के करोड़ों रुपए तक जमा हैं।