किराए पर दिया है घर, तो इस तरह प्राप्त कर सकते हैं अच्छी आय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 02:21 PM

if the house is rented  then such a good income can get

हाल के वर्षों में सम्पत्ति की कीमतों के साथ-साथ किराए भी विशेषकर मैट्रो शहरों में, तेजी से बढ़े हैं। सम्पत्ति केवल रहने या जायदाद बनाने भर के लिए ही नहीं, निवेश तथा नियमित आय का एक अहम स्रोत भी बन सकती है।  हालांकि, हमारे यहां किराए से हो सकने वाली...

जालंधरः हाल के वर्षों में सम्पत्ति की कीमतों के साथ-साथ किराए भी विशेषकर मैट्रो शहरों में, तेजी से बढ़े हैं। सम्पत्ति केवल रहने या जायदाद बनाने भर के लिए ही नहीं, निवेश तथा नियमित आय का एक अहम स्रोत भी बन सकती है।  हालांकि, हमारे यहां किराए से हो सकने वाली आय यानी ‘रैंटल यील्ड’ पर लोग अधिक ध्यान नहीं देते हैं। पूंजी सृजन के मकसद से रियल एस्टेट में निवेश करना हो तो किराए से हो सकने वाली आय को ध्यान में रखना और भी जरूरी हो जाता है। कुछ समय बाद सम्पत्ति को बेचने से होने वाले पूंजीगत लाभ के साथ-साथ किराए से हो सकने वाली आय के अतिरिक्त लाभ पर गौर करना बेहतर रहता है।

रैंटल यील्ड का मतलब
रैंटल यील्ड का अर्थ समझने के लिए इस उदाहरण पर गौर करें- यदि आपको 50 लाख की किसी सम्पत्ति से सालाना 1 लाख 80 हजार रुपए किराया प्राप्त होता है तो आपकी रैंटल यील्ड 3.6 प्रतिशत हुई। इसका अनुमान लगाते वक्त सम्पत्ति से होने वाले पूंजीगत लाभ या नुक्सान पर गौर नहीं किया जाता है।

रिहायशी सम्पत्ति से रैंटल यील्ड
यदि आप आय के किसी स्रोत से दीर्घकाल में पूंजी सृजन करने की इच्छा रखते हैं तो रिहायशी सम्पत्ति आमतौर पर पहला विकल्प नहीं होती है। कई स्थानों पर रिहायशी सम्पत्ति के मामले में दो कारणों की वजह से रैंटल यील्ड को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती है।

व्यावसायिक सम्पत्ति से रैंटल यील्ड
यदि रिहायशी नहीं तो आप व्यावसायिक सम्पत्ति से अच्छी  रैंटल यील्ड हासिल करने की अपेक्षा कर सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में विचारों में अंतर है और इसमें जोखिम भी थोड़ा अधिक हो परंतु प्री-लीस्ड व्यावसायिक सम्पत्तियों में निवेश करके अच्छी रैंटल यील्ड हासिल की जा सकती है। प्री-लीस्ड सम्पत्तियां वे सम्पत्तियां होती हैं जहां पर कुछ स्थान पहले से ही किराए पर चढ़े होते हैं। इस प्रकार आप किराए से हो सकने वाली आय के बारे में पहले से ही अवगत होते हैं। आप जान जाते हैं कि वहां पर आपको किराए से कितनी आय होगी और आप पहले से सोच-विचार कर निवेश की योजना तैयार कर सकते हैं। आमतौर पर 8  प्रतिशत तक होने वाली रैंटल यील्ड अच्छी मानी जाती है।

विदेशों में भी अवसर
बेशक भारत में किराए से होने वाली आय से इतनी ज्यादा संभावनाएं न हों, कई विदेशी शहरों जैसे लंदन, जहां सम्पत्ति के दामों में गिरावट आई है, में अनेक भारतीय निवेशक रुचि ले रहे हैं। सिंगापुर तथा लंदन जैसे बाजारों में अच्छी रैंटल यील्ड बनी हुई है, जबकि वहां होम लोन पर ब्याज की दर इससे कम है। ऐसे में रियल एस्टेट के निवेशकों के लिए ये स्थान आकर्षक विकल्प बन चुके हैं। भारतीय निवेशकों को विदेश में कर्ज लेकर सम्पत्ति में निवेश करने की स्वीकृति नहीं है। हालांकि, वे किसी अन्य देश में बनाई गई वैध कम्पनी की सहायता से ऐसा कर सकते हैं। इन दिनों सिंगापुर आधारित ऐसी ही कम्पनियों के रास्ते विदेशों में सम्पत्ति खरीदने के रुझान में इजाफा दिखाई दे रहा है। 

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