मोदी सरकार का बड़ा फैसला, दिवाली पर चाइनीस पटाखे बेचते या जलाते पकड़े गए तो होगी कड़ी कार्रवाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Oct, 2019 12:18 PM

if you are caught selling or burning firecrackers on diwali then strict action

दिवाली से ठीक पहले सरकार ने चाइनीज पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। सोमवार को कस्‍टम विभाग के प्रिंसिपल कमिश्नर ने इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि पटाखों के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

नई दिल्‍लीः दिवाली से ठीक पहले सरकार ने चाइनीज पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। सोमवार को कस्‍टम विभाग के प्रिंसिपल कमिश्नर ने इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि पटाखों के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। अगर कोई व्‍यक्ति चाइनीज पटाखों को रखता है, बेचता है या फिर किसी तरह से इसकी डीलिंग करता है तो उन्‍हें कस्‍टम एक्‍ट 1962 के तहत दंडित किया जाएगा।

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खतरनाक केमिकल्स से बचने के ​लिए लगा प्रतिबंध
बता दें कि सरकार की तरफ से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि चाइनीज पटाखों का आयात और भारतीय बाजार में इनका इस्‍तेमाल चिंता का विषय है। चाइनीज पटाखों के आयात पर प्रतिबंध है और यदि किसी व्‍यक्ति के पास यह पाया जाता है तो उन्‍हें कस्‍टम एक्‍ट के तहत दंडित किया जा सकता है। इस नोटिस में कहा गया है कि चाइनीज पटाखों का इस्‍तेमाल सरकार के एक्‍सप्‍लोजिव रूल्‍स 2008 (Explosive Rules 2008) के खिलाफ है और यह हानिकारक है। इनमें लेड, कॉपर, ऑक्‍साइड और लीथियम जैसे प्रतिबंधित केमिकल्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। ये केमिकल्‍स इंसानों के लिए खतरनाक होने के साथ पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं।

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ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि पटाखों की लेबलिंग डिटेल्‍स देखकर ही खरीदारी करें। अगर कोई आम नागरिक इस तरह के पटाखों की सेल संबंधित जानकारी रखता है तो वो चेन्‍नई कस्‍टम कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 044-25246800 पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं।

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2018 में लगाया था प्रतिबंध 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद ग्रीन पटाखों पर विचार किया गया। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने ग्रीन पटाखों को बनाने में अहम काम किया। पटाखा कंपनियों ने करीब 230 सहमति-पत्रों और 165 नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट्स (NDA) पर हस्ताक्षर किए हैं।

क्या होते है ग्रीन पटाखे
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पटाखे को पूरी तरह से पलूशन-फ्री यानी प्रदूषण रहित नहीं बनाया जा सकता लेकिन CSIR यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने पटाखों का ऐसा फॉर्म्युला तैयार किया है जिसे ग्रीन पटाखों की कैटिगरी में रखा जा सकता है।

चीन में बनते हैं सबसे अधिक पटाखे
दुनिया में सबसे ज्यादा पटाखों का उत्पादन चीन में होता है। वहीं, इसके बाद भारत का नंबर आता है। भारत में तमिलनाडु के शिवकाशी में सबसे ज्यादा पटाखों का उत्पादन होता है। शिवकाशी में 1000 पटाखा मैन्युफैक्चर्स हैं। इनका सालाना कारोबार 6000 करोड़ रुपए का है।

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