इफको ने विश्व का पहला नैनो यूरिया जारी किया

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2021 03:47 PM

iffco releases world s first nano urea

इंडियन फारमर्स फटिर्लाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने सोमवार को विश्व का पहला नैनो यूरिया जारी कर दिया। ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में हुई इफको की 50वीं वार्षिक आम बैठक में प्रतिनिधि महासभा के सदस्यों की उपस्थिति में पूरी दुनिया

नई दिल्लीः इंडियन फारमर्स फटिर्लाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने सोमवार को विश्व का पहला नैनो यूरिया जारी कर दिया। ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में हुई इफको की 50वीं वार्षिक आम बैठक में प्रतिनिधि महासभा के सदस्यों की उपस्थिति में पूरी दुनिया के किसानों के लिए विश्व का पहला नैनो यूरिया तरल जारी किया गया। मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने की प्रधानमंत्री की अपील से प्रेरित होकर इसे तैयार किया गया है। 

इफको के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने समर्पित अनुसंधान के बाद नैनो यूरिया तरल को स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से कलोल स्थित नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में तैयार किया है। यह नवीन उत्पाद ‘आत्मनिर्भर भारत' और ‘आत्मनिर्भर कृषि' की दिशा में एक सार्थक कदम है। इफको नैनो यूरिया को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी एवं असरदार पाया गया है। इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा।  

किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है, मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है, फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है। साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है। नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है। इफको नैनो यूरिया किसानों के लिए सस्ता है और यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावकारी होगा। इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मि.ली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर होगी। इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी। नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी।  

राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली(एनएआरएस) के तहत 20 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में 43 फसलों पर किए गए बहु-स्थानीय और बहु-फसली परीक्षणों के आधार पर इफको नैनो यूरिया तरल को उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ, 1985) में शामिल कर लिया गया है। इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए पूरे देश में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र में परीक्षण (एफएफटी) किए गए थे। हाल ही में पूरे देश में 94 फसलों पर हुए परीक्षणों में फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इफको नैनो यूरिया तरल को सामान्य यूरिया के प्रयोग में कम से कम 50 प्रतिशत कमी लाने के प्रयोजन से तैयार किया गया है। इसके 500 मि.ली. की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा। 

इफको नैनो यूरिया का उत्पादन जून 2021 तक आरंभ होगा और शीघ्र ही इसका व्यावसायिक विपणन भी शुरू हो जाएगा। इफको ने किसानों के लिए 500 मि.ली. नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपए निर्धारित की है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है। इस उत्पाद के बारे में किसानों को पूरी जानकारी देने के लिए एक व्यापक देशव्यापी प्रशिक्षण अभियान चलाने की योजना बनाई है। ये उत्पाद इफको के ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के अतिरिक्त मुख्य रूप से सहकारी बिक्री केन्द्रों और अन्य विपणन माध्यमों से किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। 

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