कोरोना के खिलाफ जंग में इफको ग्रामीण भारत के साथ

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 May, 2020 06:04 PM

iffco with rural india in the war against corona

कोरोना महामारी के इस दौर में खाद्य भंडार के स्तर को बनाए रखने के लिए पसीना बहा रहे किसानों को समुचित संसाधनों से लैस करने और इस बीमारी के प्रति जागरुक करने में इफको अहम भूमिका निभा रही है।

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के इस दौर में खाद्य भंडार के स्तर को बनाए रखने के लिए पसीना बहा रहे किसानों को समुचित संसाधनों से लैस करने और इस बीमारी के प्रति जागरुक करने में इफको अहम भूमिका निभा रही है। उर्वरक का उत्पादन और विपरण करने वाली अग्रणी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी ने बुधवार को कहा कि कड़ी मेहनत कर रहे किसानों को कोरोना वायरस‘कोविड-19' के संक्रमण, स्वच्छता अभ्यास और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में शिक्षित करना बहुत जरूरी था। ऐसे में उनकी संस्था ने अपनी राष्ट्रव्यापी पहुंच का लाभ उठाते हुए ‘ब्रेक द कोरोना चेन' अभियान की शुरुआत की जिसका उद्देश्य किसानों को संक्रमण के बारे में शिक्षित करना, उन्हें मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराना था। इसके तहत 1400 स्थानों पर जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया जिसका 6.5 लाख लोगों को फायदा मिला।

किसानों की मदद के लिए संस्था ने अपने पांचों संयंत्रों कलोल, फूलपुर, कांडला, आंवला और पारादीप को चालू रखा तथा इसके क्षेत्र अधिकारी अपनी सदस्य सहकारी समितियों और इफको बाजार के आउटलेट के माध्यम से किसानों को पौध पोषण उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त सावधानी के साथ काम कर रहे हैं। अवस्थी ने बताया कि इफको ने अब तक देश भर में 15 लाख विटामिन सी की गोलियां, तीन लाख मेडिकेटेड साबुन, तीन लाख मास्क, 52000 सैनिटाइजर, 10 हजार दस्ताने और बड़ी संख्या में मेडिकल किट वितरित किए हैं। 

इसके अलावा दूर दराज के इलाकों में तीन लाख खाद्य पैकेट और 30000 राशन किट वितरित किए हैं। उन्होंने कहा कि इफको की सामुदायिक भागीदारी का उदाहरण असम और उत्तराखंड में देखा जा सकता है जहां उसके द्वारा तैयार किए गए महिला स्वयं सहायता समूहों को इस अभियान के दौरान एकजुट किया गया। समूहों की महिला सदस्यों को कपड़े का मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और उनके द्वारा बनाए गए 10 हजार मास्क को पूरे राज्य में वितरित किया गया। जमीनी स्तर पर किए गए इन प्रयासों के अलावा इफको ने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए का योगदान किया है। उसके इस कदम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है। 

उन्होंने कहा, ‘‘इफको एक सहकारी संस्था है और जरूरत के समय समाज की सहायता में आगे आना हमारा कर्तव्य है और यह हमारे संगठनात्मक डीएनए का हिस्सा है। हमने अपनी पूरी विपणन टीम, अपनी समूह कंपनियों और पर इफको इकोसिस्टम को एकजुट किया है। देश भर में इफको के 400 से अधिक क्षेत्र अधिकारी हैं जिनके अधीन कुछ जिले और क्षेत्र आते हैं। प्रशिक्षण और राहत वितरण की जिम्मेदारी के साथ मोर्चे पर लड़ रहे हमारे ये क्षेत्र अधिकारी ‘कोरोना वारियर्स 'हैं। वे व्हाटसएप जैसे आनलाइन माध्यम से किसानों तक पहुंच रहे हैं और उनके साथ संवाद कर रहे हैं।''

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