Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 May, 2018 06:44 PM
इंडस्ट्री ने एक बार फिर झटका दिया है। मार्च में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) की ग्रोथ 4.4 फीसदी रह गई, जो बीते 5 महीने का सबसे निचला स्तर है। आईआईपी को मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर की सुस्ती से तगड़ा झटका लगा।
नई दिल्लीः इंडस्ट्री ने एक बार फिर झटका दिया है। मार्च में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) की ग्रोथ 4.4 फीसदी रह गई, जो बीते 5 महीने का सबसे निचला स्तर है। आईआईपी को मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर की सुस्ती से तगड़ा झटका लगा। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 की बात करें तो आईआईपी ग्रोथ 4.3 फीसदी रही।
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ घटकर 4.4 फीसदी रह गई, जबकि फरवरी 2018 में यह आंकड़ा 8.7 फीसदी रहा था।
5 महीने के निचले स्तर पर आईआईपी
इससे पहले आईआईपी ने अक्तूबर, 2017 ने अपना 1.8 फीसदी का निचला स्तर दर्ज किया था। सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इंडेक्स में 77 फीसदा का योगदान देने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ मार्च में बढ़कर 4.4 फीसदी हो गई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा 3.3 फीसदी रहा था।
माइनिंग और पावर में सुस्ती
वहीं माइनिंग की ग्रोथ 2.8 फीसदी रही, जबकि मार्च 2017 में यह आंकड़ा 10.1 फीसदी रहा था। इसी प्रकार पावर जेनरेशन ग्रोथ भी मार्च, 2018 में घटकर 5.9 फीसदी रह गई, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 6.2 फीसदी रहा था।