IL&FS का संकट गहराया, डूब सकते हैं प्रोविडेंट फंड के 20 हजार करोड़ रुपए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2019 03:33 PM

il fs can deposit 20 thousand crores of dividend funds

लाखों मध्य वर्गीय वेतनभोगियों के प्रोविडेंट और पेंशन फंड्स के हजारों करोड़ रुपयों के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। ऐनालिस्ट्स का अनुमान है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज यानी आईएलऐंडएफएस (IL&FS)

मुंबईः लाखों मध्य वर्गीय वेतनभोगियों के प्रोविडेंट और पेंशन फंड्स के हजारों करोड़ रुपयों के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। ऐनालिस्ट्स का अनुमान है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज यानी आईएलऐंडएफएस (IL&FS) और इसकी ग्रुप कंपनियों में इन फंड्स के 15 से 20 हजार करोड़ रुपए लगे हुए हैं। 

खतरे में 20,000 करोड़ रुपए 
इन फंडों की बिल्कुल अपारदर्शी प्रवृत्ति के कारण फंसी रकम का सही-सही आकलन तो नहीं किया जा सका है लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका आंकड़ा 20 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यह रकम IL&FS को मिले बैंकों, म्यूचुअल फंडों एवं अन्य वेल्थ मैनेजमेंट स्कीमों से प्राप्त कर्जों से इतर है। 

PunjabKesariIL&FS पर 91,000 करोड़ कर्ज 
यूबीएस ऐनालिस्ट्स ने विभिन्न पहलुओं पर ध्यान रखते हुए कहा है कि IL&FS को कर्ज देने वालों को 11,300 करोड़ से लेकर 28,500 करोड़ रुपए तक का चूना लग सकता है। रेग्युलेटरी फाइलिंग से पता चलता है कि IL&FS पर 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसका 61 फीसदी बैंक लोन जबकि 33 फीसदी डिबेंचरों और कमर्शल पेपरों के जरिए लिए गए कर्ज हैं। 

PunjabKesari91 हजार करोड़ की देनदारी
कंपनी पर फिलहाल 91 हजार करोड़ की देनदारी है। इंफ्रास्ट्रक्टर निवेश से जुड़ी सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) अपने कर्जों की किस्त नहीं चुका पा रही है। इसके चलते न केवल कई बड़े बैंक संकट में पड़ गए हैं बल्कि प्रोविडेंट फंड और पेंशन फंड में पैसा लगाने वाले आम लोगों की मेहनत की कमाई भी दांव पर लगी है। 

PunjabKesari169 कंपनियों का समूह है आईएलएंडएफएस
2017-18 के आंकड़ों के अनुसार, आईएलएंडएफएस समूह में 169 कंपनियां हैं। इनमें आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स, आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड आदि शामिल हैं। 

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सबसे ज्यादा कर्ज
आईएलएंडएफएस पर कुल 90,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इस कर्ज में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की है। इसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी 50.5 फीसदी है। यूटीआई की हिस्सेदारी 30.5 फीसदी है। अगर कंपनी में हिस्सेदारी की बात करें तो एलआईसी की हिस्सेदारी 26.01 फीसदी, जापान की ओरिक्स कॉरपोरेशन 23.54 फीसदी, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी की 12.5 फीसदी, एचडीएफसी की 9.02 फीसदी और भारतीय स्टेट बैंक की 6.42 हिस्सेदारी फीसदी है। 

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