Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Nov, 2018 11:41 AM
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि वह रिजर्व बैंक और सरकार के बीच तनातनी की खबरों के बीच स्थिति की निगरानी कर रहा है।
वाशिंगटनः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि वह रिजर्व बैंक और सरकार के बीच तनातनी की खबरों के बीच स्थिति की निगरानी कर रहा है। उसने कहा कि किसी भी देश में केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता में दखल नहीं दी जानी चाहिए। ऐसी खबरें हैं कि रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को रिजर्व बैंक की आलोचना की थी और 2008 से 2014 के दौरान अंधाधुंध तरीके से ऋण वितरण पर रोक नहीं लगाने का आरोप मढ़ते हुए रिजर्व बैंक को मौजूदा एनपीए संकट के लिए जिम्मेदार बताया था। आईएमएफ के निदेशक (संवाद) गैरी राइस ने विवाद के बारे में पूछे जाने पर बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बाबत स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि हम जिम्मेदारी और जवाबदेही का समर्थन करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तरीका यह है कि केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता में किसी प्रकार की दखल नहीं होनी चाहिए और उसकी कार्य प्रणाली में सरकार या उद्योग जगत का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।’’ राइस ने कहा कि यह सच है कि कई देशों में केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता बेहद मायने रखती है। राइस ने केंद्रीय बैंक की आलोचना के बढ़ते चलन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमें इसका इस तरह अफसोस है कि हमें कई देशों के संदर्भ में बयान देना पड़ रहा है। अत: मुझे लगता है कि यह सर्वश्रेष्ठ प्रतिक्रिया है जो मैं आपको दे सकता हूं।’’