Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2018 11:33 AM
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को 2018 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी और 2019 में 7.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। 2017 में भारत की विकास दर 6.7 फीसदी रही थी।
नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को 2018 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी और 2019 में 7.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। 2017 में भारत की विकास दर 6.7 फीसदी रही थी। भारतीय अर्थव्यवस्था में ये सुधार बढ़ते हुए निवेश और निजी तौर पर खपत बढ़ने के कारण होगा। ऐसा आईएमएफ ने हाल ही में जारी किए वर्ल्ड इकॉनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है।
स्ट्रक्चरल रिफॉर्म के कारण भारत की मध्यकालिक (मीडियम टर्म) विकास दर के 7 फीसदी रहने की संभावना है। अगर ये प्रोजेक्शन सही है तो भारत, चीन को पीछे छोड़ते हुए पूरी दुनिया में सबसे तेज़ी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में जीएसटी, इन्फ्लेशन टारगेटिंग फ्रेमवर्क और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टसी कोड जैसे सुधारों की वजह से भारत में इतने बेहतर विकास दर की संभावना है।
2017 में चीन पूरी दुनिया में सबसे तेज़ी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था रही थी। इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में 0.2 फीसदी तेज़ी से बढ़ रही थी। इस बार आईएमएफ ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के विकास दर के कम रहने का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत में मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है। आईएमएफ ने भारत में मुद्रास्फीति, वित्तीय वर्ष 2017/18 में 3.6 फीसदी और 2018/19 में 4.7 रहने का अनुमान लगाया है। 2016/17 में मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी थी। वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों और ऋण दिए जाने के नियमों में रिफॉर्म करना भारत की प्राथमिकता होगी। इसके अलावा कॉर्पोरेट सेक्टर के बैलेंस शीट को भी सही करने की भारत कोशिश करेगा।