Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Apr, 2020 09:33 AM
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए देशों द्वारा किए गए लॉकडाउन से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था 1930 के दशक के ''द ग्रेट डिप्रेशन'' (महामंदी) के बाद का सबसे बदतर दौर देखने वाली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने यह चेतावनी दी है।
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए देशों द्वारा किए गए लॉकडाउन से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था 1930 के दशक के 'द ग्रेट डिप्रेशन' (महामंदी) के बाद का सबसे बदतर दौर देखने वाली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने यह चेतावनी दी है। आईएमएफ का मानना है कि 2020 का साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब रहने वाला है। आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।
170 देशों में घटेगी प्रति व्यक्ति आय
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक (MD) क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने गुरुवार को कहा कि 2020 में दुनिया के 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी। गौरतलब है कि इसके पहले 1930 के दशक में दुनिया में महामंदी आई थी।कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तबाह है। दुनियाभर की सरकारों ने करीब 8 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज दिए हैं, लेकिन यह काफी नहीं लग रहा।
महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट
जॉर्जिवा ने कहा कि दुनिया इस संकट की अवधि को लेकर असाधारण रूप से अनिश्चित है लेकिन यह पहले ही साफ हो चुका है कि 2020 में वैश्विक वृद्धि दर में जोरदार गिरावट आएगी। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि हम 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखेंगे।’
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जॉर्जिवा ने अगले सप्ताह होने वाली आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक से पहले ‘संकट से मुकाबला: वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए प्राथमिकताओं’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया ऐसे संकट से जूझ रही है, जो उसने पहले कभी नहीं देखा था। कोविड-19 ने हमारी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को काफी तेजी से खराब किया है। ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था।'