कोविड-19 का असरः वित्त वर्ष 2020 में EPF सब्सक्राइबर की संख्या में 17.8 लाख की कमी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2020 11:05 AM

impact of kovid 19 epf subscribers decrease by 17 8 lakhs in fy 2020

देश में नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2019 में कुल नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या एक करोड़ 12 लाख 500 थी। 2020 में यह घट कर 94.7 लाख रह गई यानी

मुंबईः देश में नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2019 में कुल नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या एक करोड़ 12 लाख 500 थी। 2020 में यह घट कर 94.7 लाख रह गई यानी इसमें 17.8 लाख की गिरावट दर्ज की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि रोजगार की संख्या में कमी आई है।

दरअसल ईपीएफओ के इन आंकड़ों से नए रोजगार के बारे में पता चलता है। एसबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट कहती है कि हालांकि, आंकड़ों की यह सही तस्वीर नहीं है क्योंकि इस तरह के डेटा में बाहर निकलने वाले सदस्यों की भी संख्या शामिल है। यह फिर से कहीं काम करते हैं और फिर से नए सब्सक्राइबर बन जाते हैं। एसबीआई की रिपोर्ट कहती है कि इस पेरोल का निर्माण मौजूदा और नए पेरोल को मिलाकर किया गया है।

सेकेंड जॉब के पेरोल में 12.7 लाख की वृद्धि
ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार, देश में वित्त वर्ष 2020 में 28.9 लाख कम नए पेरोल बने हैं। रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2020 में दूसरी बार के पेरोल की संख्या में 12.7 लाख की वृद्धि हुई। एनपीएस कटेगरी में भी राज्य और केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021 में 7.33 लाख के रोजगार का निर्माण किया। हालांकि, राज्य सरकारों ने वित्त वर्ष 2020 में 55,700 कम एनपीएस बनाए। रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल-20 के पेरोल डेटा की तुलना अप्रैल-19 के साथ नहीं की जा सकती है। अप्रैल-19 की तुलना में अप्रैल-2020 में केवल 9% फर्स्ट जॉब का निर्माण किया गया।
 

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