सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस पर दिखाई देने लगा ट्रंप की धमकी का असर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2018 05:41 PM

impact of the threat of trump appearing on crown prince of saudi arabia

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का असर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी पाबंदी की वजह से जितनी मात्रा में तेल की कमी होगी, उसे सऊदी अरब पूरा करेगा।

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का असर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी पाबंदी की वजह से जितनी मात्रा में तेल की कमी होगी, उसे सऊदी अरब पूरा करेगा। ब्लूमबर्ग में प्रकाशित खबर के मुताबिक सऊदी अरब की सत्ता के उत्तराधिकारी सलमान ने एक इंटरव्यू में कहा, 'सऊदी अरब और ओपेक देशों से किए गए आग्रह पर अमेरिका को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर ईरान से आपूर्ति में कमी आई तो हम इसकी भरपाई करेंगे।' 

ट्रंप ने हाल ही में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने पर सऊदी अरब समेत ओपेक के तमाम सदस्यों को कड़े शब्दों में धमकी दी थी। ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब के शाह अमेरिकी सैन्य सहयोग के बिना संभवत: 'दो सप्ताह भी पद पर बने नहीं रह सकते'। ट्रंप ने यह कहकर तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर पश्चिमी एशिया में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक सऊदी अरब पर भी दबाव और बढ़ा दिया। 

दरअसल, ईरान के तेल निर्यात को प्रभावित करनेवाली अमेरिकी पाबंदी 4 नवंबर से लागू हो जाएगी। ऐसे में अमेरिका यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि तेल आपूर्ति में कमी नहीं हो, ताकि कीमतें आसमान नहीं छूएं। गौरतलब है कि इस वक्त ब्रेंट क्रूड 86 डॉलर प्रति डॉलर के आसपास ट्रेड कर रहा है। यह पिछले चार साल का उच्चतम स्तर है। इसे थामने की सऊदी अरब की कोशिश भी अब तक असफल रही है। क्राउन प्रिंस का कहना है कि तेल के दाम में उछाल की वजह उत्पादन घटना नहीं है, बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों के अपने-अपने हालात हैं। उन्होंने कहा, 'पिछले महीने जो तेल के दाम बढ़े, उसकी वजह ईरान नहीं है। इसकी बड़ी वजह कनाडा, मैक्सिको, लीबिया, वेनेजुएला और अन्य देशों के हालात हैं।' 

उधर, तेल व्यापारियों का कहना है कि सऊदी अरब तेल की कमी को पूरा करने की दिशा में तेजी नहीं दिखा रहा है। उन्हें यह भी आशंका है कि शायद सऊदी अरब की इतनी क्षमता ही नहीं हो कि वह ईरान की कमी पूरी कर सके। हालांकि, ओपेक के सदस्य देशों के साथ-साथ कुछ अन्य तेल उत्पादक देशों ने प्रति दिन 1.5 अरब बैरल तेल का अतिरिक्त उत्पादन शुरू कर दिया है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के मुताबिक, यह मात्रा ईरान के कारण प्रति दिन तेल उत्पादन में 70 हजार बैरल की कटौती की दोगुनी है। उन्होंने कहा, 'हम ईरान से हरेक बैरल की कमी के एवज में दो बैरल तेल निर्यात कर रहे हैं। इसलिए, हमने अपने दायित्व से बढ़कर किया है।' 

सऊदी अरब प्रति दिन 1 करोड़ 7 लाख बैरल तेल का उत्पादन कर रहा है। यह करीब-करीब रेकॉर्ड है। क्राउन प्रिंस का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो और हर दिन 13 लाख बैरल का उत्पादन किया जाएगा। 

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