खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा, 4-5 रुपए प्रति किलो सस्ता हो सकता है cooking oil

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Sep, 2021 05:59 PM

import duty on edible oils reduced cooking oil may be cheaper by rs 4 5 per kg

सरकार ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी लाने के लिए पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क में कटौती की है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर

बिजनेस डेस्कः सरकार ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी लाने के लिए पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क में कटौती की है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर इसे 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह अधिसूचना शनिवार से प्रभावी हो गई है। 

4-5 रुपए सस्ता हो सकता है तेल
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी.वी. मेहता ने बताया कि कर शुल्क में की गई इस कमी के साथ कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर प्रभावी शुल्क घटकर 24.75 प्रतिशत रह जाएगा, जबकि रिफाइंड पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर प्रभावी शुल्क 35.75 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि नए सिरे से की गई कटौती से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 4-5 रुपए प्रति लीटर की कमी आ सकती है। 

उन्होंने कहा कि आमतौर पर यह भी देखा जाता है कि भारत के आयात शुल्क को कम करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ जाती हैं, इसलिए खाद्य तेल कीमतों पर इस कटौती का वास्तविक प्रभाव दो से तीन रुपए प्रति लीटर का रह सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को खाद्य तेल कीमतों में नरमी लाने के लिए रैपसीड (सरसों किस्म जैसा) के आयात शुल्क में भी कमी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार को कीमतों को कम करने के लिए सरसों के तेल पर आयात शुल्क कम करना चाहिए था। 

खाद्य और अखाद्य तेल का आयात पहले की तुलना में 2% घटा
पिछले कुछ महीनों में केंद्र ने विभिन्न खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती की है और राज्यों से थोक विक्रेताओं, खाद्य तेल मिल मालिकों, रिफाइनरी इकाइयों और स्टॉकिस्टों से खाद्य तेलों और तिलहन के स्टॉक का विवरण लेने को कहा है। सरकार ने 11,040 करोड़ रुपए के पाम ऑयल मिशन की भी घोषणा की है। एसईए के अनुसार, नवंबर-2020 से जुलाई-2021 के दौरान वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य तेल) का कुल आयात पहले की तुलना में दो प्रतिशत घटकर 96,54,636 टन रह गया जो पिछले तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) की इसी अवधि में 98,25,433 टन था। 

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) ने आपूर्ति बढ़ाने के लिए पिछले महीने कच्चे सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को आधा कर 7.5 प्रतिशत कर दिया था। कच्चे तेल और सोने के बाद भारत के आयात के मामले में खाद्य तेल का तीसरा स्थान है। 
 

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