Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2018 12:58 PM
डॉलर के मुकाबले लगातार रुपए में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में देश के चालू खाता घाटा (CAD) पर लगाम लगाने की कोशिशों के तहत कुछ आइटम पर न्यूनतम आयात मूल्य लगाई जा सकती है।
नई दिल्लीः डॉलर के मुकाबले लगातार रुपए में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में देश के चालू खाता घाटा (CAD) पर लगाम लगाने की कोशिशों के तहत कुछ आइटम पर न्यूनतम आयात मूल्य लगाई जा सकती है। सरकार गैरजरूरी चीजों का आयात भी घटाना चाहती है।
शुल्क बढ़ाकर आयात को कम करने के बजाय ये उपाय ज्यादा असरदार माने जा रहे हैं। शुल्क बढ़ाने पर गुड्स का ऐसे देशों के जरिए आयात शुरू हो जाता है जिनके साथ भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हैं। किसी आइटम के इंपोर्ट पर पूरी तरह बैन लगाने से वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के नियमों का उल्लंघन होने की आशंका रहती है।
आयात कम करने के लिए कुछ बंदरगाहों पर कुछ गुड्स के प्रवेश को रोकना या ड्यूटी में चुनिंदा बढ़ोतरी जैसे कदमों पर भी विचार किया जा सकता है। कॉपर और एल्युमीनियम जैसे नॉन-फेरस मेटल्स, गोल्ड सहित प्रेशियस मेटल्स और टेलिकॉम इक्विपमेंट के साथ ही कंज्यूमर ड्यूरेबल की कुछ कैटेगरी पर ऐसी बंदिशें लग सकती हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि सरकार इंपोर्ट को कम करने के लिए कदम उठाएगी। रुपए में कमजोरी और अन्य आर्थिक कारणों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग के बाद जेटली ने बताया था, 'संबंधित मिनिस्ट्रीज के साथ विचार-विमर्श कर गैर-जरूरी आइटम्स की सूची बनाई जाएगी।' वित्त वर्ष 2018 में देश का चालू खाता घाटा बढ़कर ग्रॉस डमेस्टिक प्रॉडक्ट (GDP) के 1.9 फीसदी पर पहुंच गया था। इससे पिछले वर्ष में यह 0.6 फीसदी था। इस वर्ष इसके लगभग 2.8 फीसदी रहने का अनुमान है।