FDI नियमों में सुधार, फिर भी Apple के लिए राह नहीं आसान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 01:09 PM

improvement in fdi rules yet not easy for apple

एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में स्वत: मंजूरी के जरिए 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी मिलने के बावजूद वैश्विक स्तर की दिग्गज तकनीकी कंपनी ऐपल को देश में अपनी दुकान खोलने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड, व्हाइट...

नई दिल्लीः एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में स्वत: मंजूरी के जरिए 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) की मंजूरी मिलने के बावजूद वैश्विक स्तर की दिग्गज तकनीकी कंपनी ऐपल को देश में अपनी दुकान खोलने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड, व्हाइट गुड्स अप्लायंस कंपनियों के लिहाज से नियमों में सुधार इतना पर्याप्त है कि वे देश में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती हैं। वहीं महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनियों के लिए भारत की राह अब भी दूर होगी।

5 साल पहले एेपल ने रखी थी मांग
एेपल समेत कई विदेश कंपनियों ने 5 साल पहले भी सिंगल ब्रांड रिटेल में सौ फीसदी एफ.डी.आई. की मांग सरकार से की थी लेकिन उस वक्त इसे खारिज कर दिया था। स्वीडन की कंपनी आइकिया ने भी 2013 में मांग रखी थी कि विदेशी खुदरा विक्रेता कंपनियों को बढ़ावा दिया जाए। अब नए नियम में ग्लोबल सप्लाई के लिए भारत से कंपोनेंट खरीदने पर घरेलू बाजार के लिए लोकल सोर्सिंग पर छूट मिलेगी जो कि 1 अप्रैल से लागू होगा।

ऐपल की अलग तरह की समस्या 
एक प्रमुख खुदरा चेन के वरिष्ठ कारोबारी का कहना है, 'ऐपल की अलग तरह की समस्या है जिसे मौजूदा बदलावों से हल नहीं किया जा सकता है। जब तक ऐपल और अन्य कंपनियों के लिए स्थानीय स्रोत वाली शर्त हटाई नहीं जाती है तब तक किसी भी तरह का सुधार, भारत में उनकी दुकान खोलने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।' हालांकि मंत्रिमंडल की मंजूरी से 200 से ज्यादा फैशन और परिधान ब्रांड देश में आएंगे जिनमें अंतरराष्ट्रीय ब्रांड एवीवा, कोलिंस, दमत, ट्यूडबा डेरी ऐंड ड्यूफी जैसे ब्रांड भी शामिल हैं जो भारत में आने की कतार में हैं।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
सरकार के फैसले से ओप्पो समेत चीन की कई मोबाइल कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है। इस फैसले के बाद ये बड़ी कंपनियां भारत में अपने स्टोर बनाकर सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ सकेंगी। साथ ही भारत में अपने बाजार का और विस्तार करने में सक्षम होंगी। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘नीति में किए गए बदलाव से देश में एफ.डी.आई. प्रवाह बढ़ेगा परिणामस्वरूप निवेश, आय में वृद्धि होगी साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।’ 

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