Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jul, 2019 02:09 PM
रिजर्व बैंक की इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पैनल की अहम बैठक खत्म हो गई है। इस पैनल को यह तय करना था कि RBI अपने सरप्लस कैश में कितना पैसा सरकार को देगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह तय हुआ है कि सरप्लस चरणबद्ध तरीकों में ट्रांसफर किया जाएगा।
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक की इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पैनल की अहम बैठक खत्म हो गई है। इस पैनल को यह तय करना था कि RBI अपने सरप्लस कैश में कितना पैसा सरकार को देगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह तय हुआ है कि सरप्लस चरणबद्ध तरीकों में ट्रांसफर किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट तैयार हो गई है लेकिन यह रिपोर्ट अगले 10 से 15 दिनों में सौंपी जाएगी। उसके बाद यह पता चलेगा कि पैनल ने कितना फंड ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।
बिमल जालान की अध्यक्षता वाले 6 सदस्यीय इस पैनल का गठन खासतौर पर यह तय करने के लिए किया गया था कि RBI को कितना पैसा सरकार को देना चाहिए। इस पैनल का गठन 26 दिसंबर 2018 को हुआ था। RBI के पास 9.6 लाख करोड़ रुपए का इमरजेंसी फंड है।
फंड को लेकर RBI और सरकार के बीच मतभेद काफी बढ़ गया था। इसी मतभेद के बाद उर्जित पटेल ने RBI के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद शक्तिकांत दास नए गवर्नर नियुक्त किए गए थे। RBI और सरकार के बीच मतभेद होने के बाद ही पैनल का गठन किया गया था।
दोनों के बीच मतभेद इस बात को लेकर था कि सरकार RBI से 3.6 लाख करोड़ रुपए की मांग कर रही थी। हालांकि उस वक्त सरकार का कहना था कि वह सिर्फ RBI के लिए सही इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के प्रस्ताव पर विचार करना चाहती थी।
पैनल को अपनी पहली बैठक के 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी। पैनल की पहली बैठक 8 जनवरी को हुई थी। इसके बाद पैनल को तीन महीने का विस्तार मिला था। हालांकि इसके बाद फिर इसकी डेडलाइन टाल दी गई। बिमल जालान की अध्यक्षता वाला यह पैनल इस हफ्ते अपनी रिपोर्ट जमा करेगा।