भारत में नौकरियों की भारी किल्लत, बेरोजगारी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहाः रघुराम राजन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Mar, 2019 01:42 PM

in india the huge scarcity of jobs notwithstanding the ban on paperback

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने अपनी नई किताब ''द थर्ड पिलर'' के बारे में कई बातें कहीं। एनडीटीवी से बातचीत के दौरान राजन ने अपनी किताब के बारे में कहा

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने अपनी नई किताब 'द थर्ड पिलर' के बारे में कई बातें कहीं। एनडीटीवी से बातचीत के दौरान राजन ने अपनी किताब के बारे में कहा कि यह सिस्टम कैसे काम करता है और कैसे काम नहीं करता है, इसकी बात करती है यह किताब। आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने देश के विभिन्न मुद्दों देश में बेरोजगारी, नौकरियों से लेकर नोटबंदी जैसे मुद्दों पर भी अपनी राय रखी।

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रघुराम राजन ने कहा कि आज भले ही आपके पास हाई स्कूल की डिग्री हो मगर आपको नौकरी नहीं मिलेगी। हमारे पास आईआईएम, आदि जैसे प्रमुख संस्थानों से पढ़ने वाले लोगों के लिए बहुत अच्छी नौकरियां हैं, मगर अधिकांश छात्र जो स्कूलों और कॉलेजों से पढ़कर निकलते हैं, उनके लिए स्थिति समान नहीं है क्योंकि वे जिन स्कूलों और कॉलेजों से पढ़कर निकलते हैं वह उस स्तर का फेमस नहीं होता। 

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भारत में नौकरियों की बड़ी किल्लत
राष्ट्रवादी आंदोलनों पर रघुराम राजन ने कहा कि वे देश के भीतर संघर्ष (टकराव) वपैदा करते हैं और यही देशों के बीच संघर्ष भी पैदा करता है। लीक हुई NSSO की जॉब्स रिपोर्ट पर रघुराम राजन ने कहा कि युवाओं को नौकरियों की तलाश है। भारत में अच्छी नौकरियों की बड़ी किल्लत है। मगर अवसर नहीं हैं, बेरोजगारी पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लंबे समय से नौकरियों के आंकड़े बहुत खराब हैं। हमें इनमें सुधार करने की आवश्यकता है। 

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राहुल गांधी की योजना पर बोले राजन 
राहुल गांधी की न्यूनतम आय गारंटी योजना के ऐलान पर रघुराम राजन ने कहा कि इस योजना का डिटेल क्या होगा, यह मायने रखता है। यह योजना एक ऐड-ऑन की तरह होगा या जो अभी मौजूदा चीजें हैं उसके विकल्प के तौर पर? हम गरीबों तक इस योजना को कैसे लेकर जाएंगे? हमने समय के साथ देखा है कि लोगों को सीधे पैसा देना अक्सर उन्हें सशक्त बनाने का एक तरीका है। वे उस धन का उपयोग उन सेवाओं के लिए कर सकते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसी कौन सी चीजें या योजनाएं (सब्सिडी) हैं जिन्हें प्रक्रिया में प्रतिस्थापित किया जाएगा।
 

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