बेनामी संपत्तियों की पहचान के लिए इनकम टैक्स विभाग सक्रिय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jul, 2019 10:42 AM

income tax department activated for identifying benami properties

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कालेधन के साथ काली संपत्तियों को भी बेनकाब करने की कोशिश में जुट गई है। यही वजह है कि इनकम टैक्स विभाग ने बेनामी संपत्तियों की पहचान करने के लिए देश भर में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इनकम टैक्स विभाग ने 24 शहरों में...

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कालेधन के साथ काली संपत्तियों को भी बेनकाब करने की कोशिश में जुट गई है। यही वजह है कि इनकम टैक्स विभाग ने बेनामी संपत्तियों की पहचान करने के लिए देश भर में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इनकम टैक्स विभाग ने 24 शहरों में बेनामी प्रोबेशन यूनिट (बी-पी.यू.) की स्थापना की है। इनमें देश के मैट्रो समेत सभी ए ग्रेड के शहर शामिल हैं। 

बी-पी.यू. ने भारी संख्या में बेनामी संपत्तियों की पहचान की है और उन्हें जल्द कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है। 24 यूनिट में तैनात इनकम टैक्स के अधिकारी प्राप्त सूचनाओं के आधार पर बेनामी संपत्तियों की पहचान कर उनके मिलान में जुटे हैं। विभाग के मुताबिक बेनामी ट्रांजैक्शन संशोधित कानून 2016 के लागू होने के बाद से अब तक 2100 बेनामी संपत्तियों को नोटिस जारी किया गया है। इन संपत्तियों की कीमत 9600 करोड़ रुपए आंकी गई है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही भारी संख्या में बेनामी संपत्ति रखने वालों को नोटिस जारी किया जा सकता है। बेनामी संपत्ति में चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्तियों को शामिल किया गया है।

सूचना देने वाले के नाम को जाहिर नहीं किया जाएगा
पिछले साल विभाग ने बेनामी संपत्तियों की पहचान बताने वालों को पुरस्कृत करने का ऐलान किया था। अगर कोई व्यक्ति बेनामी संपत्ति की सूचना देता है और उस सूचना के आधार पर कार्रवाई कर विभाग संपत्ति अटैच करता है तो सूचना देने वाले को एक करोड़ रुपए तक का पुरस्कार दिया जाएगा। सूचना देने वाले के नाम को जाहिर नहीं किया जाएगा। हालांकि विभाग की तरफ  से यह बताने से इंकार कर दिया गया कि पिछले एक साल में कितने लोगों को बेनामी संपत्ति की सूचना देने के तहत पुरस्कृत किया गया।

7 साल की जेल का है प्रावधान
बेनामी संपत्तियों और लेन-देन पर रोक लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने बेनामी लेन-देन कानून में 2016 में संशोधन किया था। इस संशोधन में बेनामी संपत्ति को सील करने और उसे जब्त करने का अधिकार जोड़ा गया है। नए कानून के तहत बेनामी संपत्ति पाए जाने पर सजा की अवधि को 3 साल से बढ़ाकर 7 साल और बेनामी संपत्ति के बाजार मूल्य के 25 प्रतिशत के बराबर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

गलत सूचना देने पर होगी जेल
विज्ञापन में आयकर विभाग ने लोगों से गलत सूचना नहीं देने को कहा है। विभाग ने कहा है कि बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति गलत सूचना देने का आरोपी पाया जाता है तो उसे 5 साल की जेल या बेनामी संपत्ति के बाजार मूल्य के 10 प्रतिशत के बराबर जुर्माना या दोनों का दंड लगाया जा सकता है। विभाग ने सरकार की सहायता हेतु सभी लोगों से ईमानदारी से सही सूचना देने की अपील की है। जब कोई चल या अचल संपत्ति किसी बेनाम व्यक्ति को ट्रांसफर कर दी जाती है लेकिन उसका असली लाभ ट्रांसफर करने वाले को ही मिलता है तो वह बेनामी संपत्ति कहलाती है। बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून 2016 के तहत ऐसा करना गैर-कानूनी है और ऐसा करने पर दोषी व्यक्ति को जेल और जुर्माना दोनों दंड देने का प्रावधान है।

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