Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2019 04:54 PM
आयकर विभाग ने 5 हजार करोड़ की वसूली करने के लिए ऐसे करदाताओं पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने सेल्फ असेसमेंट टैक्स की अदायगी पर खुद से ही क्रेडिट ले लिया। इस वजह से ऐसे
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने 5 हजार करोड़ की वसूली करने के लिए ऐसे करदाताओं पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने सेल्फ असेसमेंट टैक्स की अदायगी पर खुद से ही क्रेडिट ले लिया। इस वजह से ऐसे करदाताओं का पिछले वित्त वर्ष में भरा रिटर्न प्रोसेस नहीं हो पाया है। इसलिए वह इस बकाया रकम की वसूली के लिए अब असेसीज से संपर्क साध रहा है। विभाग के कुछ अधिकारियों ने यह बात बताई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम उन्हें रिमांडर्स भेज रहे हैं और बकाया चुकाने का आग्रह कर रहे हैं ताकि टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग हो सके।'
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि इनमें कुछ टैक्सपेयर्स सेल्फ असेसमेंट टैक्स चुकाने को राजी हैं। हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स को यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर टैक्स पेमेंट कैसे नहीं हुआ, खासकर तब जब सुविधाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए चेक्स ऐंड बैलेंसेज का बढ़िया सिस्टम काम कर रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि टैक्स रिटर्न्स फाइल करते वक्त बैंक चालान के साथ अक्सर बीएसआर नंबर अटैच किए जाते हैं। इनकम टैक्स डिपार्मेंट के टैक्स प्लैटफॉर्म पर पेमेंट का ब्योरा भी दिखता है। भले हो इस तरह की गड़बड़ियां अतीत में हुई हों लेकिन डिपार्टमेंट अब इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के लिए उपलब्ध टेक्नॉलजी प्लैटफॉर्म के कारण पहले से बेहतर स्थिति में है।
दरअसल, अथॉरिटीज चालू वित्त वर्ष के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी संभावित स्रोतों को खांगल रही हैं। सरकार को भी लगता है कि इन गतिविधियों से वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन में कमी के कारणों का भी पता चल जाएगा। सूत्रों का कहना है कि बजट में जितने कर संग्रह का अनुमान जताया गया था, उतना टैक्स कलेक्शन संभव नहीं हो पाएगा। हालांकि, सरकार जब 1 फरवरी को संसद के पटल पर संशोधित अनुमान रखेगी तो वह वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक रखने का लक्ष्य जरूर पूरा कर सकेगी।