Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jan, 2019 04:03 PM
मोदी सरकार के लिए इस साल का बजट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव भी मई से पहले होने वाले हैं। मीडिया में यह चर्चा जोरों पर है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इनकम टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सकते हैं।
नई दिल्लीः मोदी सरकार के लिए इस साल का बजट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव भी मई से पहले होने वाले हैं। मीडिया में यह चर्चा जोरों पर है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इनकम टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सकते हैं। मौजूदा टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख (2.50 लाख) रुपए है। बजट चर्चा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली इस साल अंतरिम बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत अभी 1.50 लाख रुपए तक की जो टैक्स छूट मिलती है उसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो सामान्य कैटेगरी की इनकम टैक्स छूट की सीमा सीनियर सिटीजन के बराबर हो जाएगी। अभी सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपए की आमदनी पर टैक्स छूट मिलती है। ऐसे में यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीनियर सिटीजन की टैक्स छूट सीमा 3 लाख रुपए से बढ़कर 3.50 लाख रुपए किए जा सकते हैं।
कब कितनी छूट मिली?
2014-15 के बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए कर दिया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट अगस्त 2014 में आया था। उस वक्त 80C के तहत भी छूट की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दिया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक जो पांच बजट पेश किए हैं उनमें 2014-15 के बजट में ही आम आदमी के लिए ठोस फैसले लिए गए थे। उसके बाद के सभी बजट सामान्य रहे। इसके बाद 2017-18 के बजट में अरुण जेटली ने आम आदमी को राहत देने वाले फैसले किए थे।
क्या थे फैसले?
अरुण जेटली ने 2017-18 में टैक्स का बोझ कम किया था। इसके तहत 2.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर टैक्स 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया। साथ ही 50 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक की आमदनी पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगा दिया था।