Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Nov, 2020 05:39 PM
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। अधिकतर टैक्सपेयर्स जिन्होंने इस साल के लिए ITR फाइल किया है उन्हें अभी तक इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिला है। जब टैक्सपेयर्स ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो
बिजनेस डेस्कः वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। अधिकतर टैक्सपेयर्स जिन्होंने इस साल के लिए ITR फाइल किया है उन्हें अभी तक इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिला है। जब टैक्सपेयर्स ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि ITR की तेजी से प्रोसेसिंग के लिए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है। इस टेक्निकल अपग्रेड के कारण इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है।
दरअसल, कई टैक्सपेयर्स ने जून-जुलाई में ही ITR फाइल कर दिया था, जब उन्हें टैक्स रिफंड नहीं मिला तो उन्होंने ट्विटर पर रिफंड के लिए लेकर आवाज उठाई। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने ट्वीट के जरिए बताया कि टैक्सपेयर को अच्छी सेवाएं देने और ITR की तेज प्रोसेसिंग के लिए नए टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेड प्लेटफॉर्म (CPC 2.0) पर जा रहे हैं।
टाइमलाइन की जानकारी नहीं
विभाग ने बताया कि असेसमेंट ईयर 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न CPC 2.0 के जरिए प्रोसेस किया जाएगा। इस वजह से रिफंड में देरी हो रही है। हालांकि, इनकम टैक्स विभाग ने नए CPC 2.0 प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन और असेसमेंट ईयर 2020-21 के इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया शुरू होने की कोई टाइमलाइन नहीं बताई है। मौजूदा समय में सभी तरह के इनकम टैक्स रिटर्न बेंगलुरु स्थित सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर से प्रोसेस किए जाते हैं। CPC 2.0 प्लेटफॉर्म शुरू होने से टैक्सपेयर्स को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी और ITR की प्रोसेसिंग काफी तेज हो जाएगी।
1.32 लाख करोड़ रुपए रिफंड किए
इनकम टैक्स विभाग ने 1 अप्रैल, 2020 से 10 नवंबर के बीच 39.75 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स को 1.32 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड जारी किया है। पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड 35,123 करोड़ रुपए और कॉरपोरेट रिफंड 97,677 करोड़ रुपए टैक्सपेयर्स को रिफंड किया गया।