Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 05:59 PM
सरकार ने आम बजट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर विशेष ध्यान देते हुए उनके लिए आवंटन में अच्छीखासी बढ़ोतरी की है। इस बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619
नई दिल्लीः सरकार ने आम बजट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर विशेष ध्यान देते हुए उनके लिए आवंटन में अच्छीखासी बढ़ोतरी की है। इस बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रूपए और अनुसूचित जन-जातियों के लिए 39,135 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है।
अनुसूचित जातियों के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए वर्ष 2016-17 में 34,334 करोड़ रूपए और वर्ष 2017-18 में 52,719 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया था। इसी तरह अनुसूचित जन-जातियों के लिए चल रहे 305 कार्यक्रमों के लिए 2016-17 में 21,811 करोड़ रूपए का आवंटन हुआ था जिसे वर्ष 2017-18 में बढाकर 32,508 करोड़ रूपये किया गया था।
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वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में इस आवंटन को और बढा दिया गया है और अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रूपए और अनुसूचित जनजातियों के लिए 39,135 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है। बजट की तारीफ करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा, ‘‘बजट में समाज के सभी वर्गों जैसे किसान, मजदूर, महिलाएं, वृद्ध, सामान्य वर्ग, छोटे-बड़े उद्यमी, छात्र एवं बाकी सभी के सशक्ततीकरण के लिए प्रावधान किये गए हैं।’’