मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर, नोटबंदी के बाद से टैक्स कलेक्शन में हो रहा इजाफा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Apr, 2019 06:49 PM

increase in tax collection since the ban on bondage

नोटबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष में अब तक खींचतान जारी है। जहां सरकार इसे एक सही कदम ठहरा रही है, वहीं विपक्ष नोटबंदी को लोगों का रोजगार छीनने का दोषी बता रहा है। ऐसे में अब जो आंकड़े सामने आए हैं, वे मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर हैं।

नई दिल्लीः नोटबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष में अब तक खींचतान जारी है। जहां सरकार इसे एक सही कदम ठहरा रही है, वहीं विपक्ष नोटबंदी को लोगों का रोजगार छीनने का दोषी बता रहा है। ऐसे में अब जो आंकड़े सामने आए हैं, वे मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर हैं। इनके मुताबिक नोटबंदी वाले साल और उसके बाद डायरेक्ट नेट टैक्स कलेक्शन में बड़ी वृद्धि हुई है। इसके अलावा पर्सनल इनकम टैक्स के तहत अडवांस और सेल्फ असेसमेंट से राजस्व में असाधारण तेजी और नए इनकम टैक्स फाइलर्स की संख्या में लगातार इजाफा नोटबंदी के सकारात्मक प्रभावों की ओर इशारा करते हैं।

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13% की दर से बढ़ा पर्सनल इनकम टैक्स
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रेवेन्यू ग्रोथ का ट्रेंड नोटबंदी के दो साल बाद वित्त वर्ष 2018-19 में भी जारी रहा, कॉर्पोरेट इनकम टैक्स 14 फीसदी और पर्सनल इनकम टैक्स 13 फीसदी की दर से बढ़ा। अडवांस टैक्स के तहत वॉलंटरी टैक्स पेमेंट भी 14 फीसदी की गति से बढ़ रहा है, अगर इसे बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ देखें, साफ-सुथरे इकनॉमिक सिस्टम की ओर इशारा करता है। बड़ी मात्रा में कैश डिपॉजिट के अलावा, घरेलू सहायकों और श्रमिकों आदि के द्वारा संचालित खातों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उन्होंने पुरानी करंसी को बैंकों में जमा किया और इससे उनका टीन के बक्सों और बिस्तर के नीचे रखे जाने वाला धन सुरक्षित हो गया।

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नोटबंदी से बढ़े नए फाइलर्स
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की संख्या में वृद्धि का ट्रेंड मंद नहीं हुआ है। इस साल फरवरी तक 1 करोड़ से अधिक नए फाइलर्स जुड़ चुके हैं। नोटबंदी वाले साल 2016-17 में नए इनकम टैक्स फाइलर्स की संख्या में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। एक सूत्र के मुमाबिक, 'नए टैक्स फाइलर्स में स्पष्ट इजाफे का श्रेय फॉर्मल चैनल्स में कैश ट्रांसफर होने की वजह से उच्च अनुपालन को दिया जा सकता है, जोकि नोटबंदी की वजह से हुआ।'

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कालेधन के खिलाफ भी हुआ एक्शन
यह डाटा नोटबंदी के संदर्भ में कालेधन के खिलाफ ऐक्शन को भी रेखांकित करता है। इसके मुताबिक नवंबर 2016 से मार्च 2017 के बीच 900 करोड़ रुपए का कालाधन जब्त किया गया। रेवेन्यू और रिटर्न में वृद्धि को इस रूप में देखा जा रहा है कि व्यक्ति और कारोबार पारदर्शी साधनों को अपनाने को मजबूर हुए। आधिकारिक सूत्र के मुतबिक, '18 लाख ऐसे केसों की पहचान हुई थी, जिसमें कैश डिपॉजिट रिटर्न फाइलिंग से मेल नहीं खा रहा था या उन्होंने रिटर्न फाइल नहीं की थी। ऐसे लोगों को ईमेल और एसएमएस भेजे गए, परिणाम यह है कि टैक्स कलेक्शन बेहतर हो गया।

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