Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Aug, 2019 05:04 PM
अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है। यदि अमेरिका ने आगे शुल्क में और वृद्धि की तो चीन की आर्थिक वृद्धि दर में इसकी वजह से तेज गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह चेतावनी दी। आईएमएफ की...
वाशिंगटनः अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है। यदि अमेरिका ने आगे शुल्क में और वृद्धि की तो चीन की आर्थिक वृद्धि दर में इसकी वजह से तेज गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह चेतावनी दी। आईएमएफ की एक रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान इस साल के लिये घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है। यह अनुमान यह मानकर लगाया गया कि चीन से आयात होने वाले सामान पर आगे कोई और शुल्क नहीं लगाया जाएगा। लेकिन यदि चीन के शेष आयात पर भी 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो अगले साल के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान और कम हो सकता है।
चीन की अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर आधारित यह रिपोर्ट जब तैयार की गई थी तब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामान पर 10 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा नहीं की थी। नया शुल्क एक सितंबर से प्रभावी होने वाला है। इसके बाद एक सितंबर से चीन से आयात होने वाले पूरे सामान पर शुल्क लग जाएगा। आईएमएफ ने कहा, ‘‘व्यापारिक तनाव के और बढ़ने से चीन की आर्थिक वृद्धि दर कम होगी। उदाहरण के लिए यदि चीन के बचे आयात पर अमेरिका 25 फीसदी का शुल्क लगाता है तो इससे चीन की आर्थिक वृद्धि दर अगले 12 महीने में करीब 0.80 फीसदी कम हो सकती है।''
आईएमएफ ने कहा कि इसका नकारात्मक असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है। उसने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापारिक तनाव को यथाशीघ्र सुलझाने की भी अपील की है। हालांकि, ट्रंप ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह सितंबर महीने में प्रस्तावित अगली व्यापार वार्ता को रद्द कर सकते हैं। उन्होंने व्यापार समझौता होने पर भी संदेह जताया।