Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Oct, 2018 07:14 PM
केंद्र सरकार और आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के बीच लगातार तनाव की स्थिति बन रही है। दोनों के बीच नीतिगत मुद्दों को लेकर मतभेद की खबर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के
नई दिल्लीः केंद्र सरकार और आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के बीच लगातार तनाव की स्थिति बन रही है। दोनों के बीच नीतिगत मुद्दों को लेकर मतभेद की खबर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के शुरुआती महीनों में सरकार और आरबीआई के बीच ज्यादा अच्छे संबंध नहीं रहे हैं और दोनों ही ओर से बात भी ज्यादा नहीं की जा रही है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का कहना है कि आरबीआई की स्वायत्तता पर चोट किसी के हक में नहीं होगी। उन्होंने इस मुद्दे पर शुक्रवार को चिंता जाहिर की थी। विरल के मुताबिक, 'सरकार द्वारा आरबीआई के काम में दखल देने से बैंक की स्वायत्तता पर प्रभाव पड़ रहा है। इकोनॉमी में सुधार लाने के लिए आरबीआई सरकार से थोड़ा दूरी बनाना चाहती है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। सरकार बैंक के कामों में हस्तक्षेप कर रही है, जो कि ठीक नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक इस समय जो हालात बन रहे हैं उनका असर उर्जित पटेल के भविष्य पर भी पड़ सकता है। अगले साल सितंबर में उर्जित के 3 साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में उनके सेवा विस्तार और बाकी कार्यकाल पर खतरा मंडरा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक ब्याज दरों में कटौती न होने पर सरकार नाराज है। नीरव मोदी के धोखाधड़ी मामले पर भी बैंक और सरकार के बीच स्थिति तनावपूर्ण है। पटेल चाहते हैं कि सरकारी बैंकों पर नजर रखने के लिए आरबीआई को और शक्तिशाली बनाना चाहिए। तमाम मतभेदों की वजह से सरकार में मौजूद लोग उर्जित पटेल पर निशाना साध रहे हैं। उनका कहना है कि रघुराम राजन, उर्जित से बेहतर गवर्नर थे।