Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Aug, 2020 07:02 PM
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आत्मनिर्भर भारत के प्रयास को बढ़ावा देने के लिये उद्योग जगत से शनिवार को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा जो आयात पर विशेष रूप से चीन से आयात पर निर्भर हैं। उन्होंने देश को विश्व शक्ति बनाने के लिये आयात होने वाले...
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आत्मनिर्भर भारत के प्रयास को बढ़ावा देने के लिये उद्योग जगत से शनिवार को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा जो आयात पर विशेष रूप से चीन से आयात पर निर्भर हैं। उन्होंने देश को विश्व शक्ति बनाने के लिये आयात होने वाले सामानों का स्वदेशी विकल्प तलाशने का भी आह्वान किया।
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री गडकरी उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘भारत@75 शिखर सम्मेलन - मिशन 2022’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन साल के निर्यात और आयात के आंकड़ों के आधार पर किये जा रहे एक अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि चीन का 70 प्रतिशत निर्यात 10 क्षेत्रों से संबंधित है। इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल मशीन व उपकरण भी शामिल है, जो चीन के कुल निर्यात में 671 अरब डॉलर यानी 26.09 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अलावा कंप्यूटर समेत मशीनरी का निर्यात में 10.70 प्रतिशत यानी 417 अरब डॉलर का योगदान है।
गडकरी ने उद्योग से आग्रह किया कि वे महानगरों और विकसित शहरों से परे ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमों का एक नेटवर्क बिछाने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा मुझे इससे दुख होता है कि उद्योग निकायों का 90 प्रतिशत ध्यान बड़े शहरों और महानगरों में प्रमुख उद्योगों पर है। ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों पर शायद ही कोई ध्यान केंद्रित करता है। इसे बदलने की आवश्यकता है ... भारत को एक महाशक्ति बनाने के लिये अग्रिम क्षेत्र के हिसाब से नियोजन समय की जरूरत है।
गडकरी ने कहा कि चीन का 70 प्रतिशत निर्यात 10 क्षेत्रों से होता है। उन्होंने सीआईआई से आग्रह किया कि वह इस बात की पहचान करे कि भारत में किस तरह का आयात किया जाता है और इन्हें स्थानीय उत्पादों से कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रयास में सरकार से हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिया। उन्होंने कहा सीआईआई को निर्यात को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के लिये क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए। कुछ क्षेत्रों में हमें भारतीय निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिये आयात शुल्क बढ़ाना होगा।