डेटा इकॉनमी में चीन को टक्कर दे सकता है भारतः कैपजेमिनी प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Feb, 2019 02:01 PM

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भारत अपनी विशाल आबादी की क्षमता का इस्तेमाल कर गूगल और अमेजॉन का देसी संस्करण तैयार कर डेटा इकनॉमी के संदर्भ में चीन की बराबरी कर सकता है। दिग्गज आईटी कंपनी कैपजेमिनी के चेयरमैन पॉल हेरमेलिन ने शुक्रवार को यह बात कही।

नई दिल्लीः भारत अपनी विशाल आबादी की क्षमता का इस्तेमाल कर गूगल और अमेजॉन का देसी संस्करण तैयार कर डेटा इकनॉमी के संदर्भ में चीन की बराबरी कर सकता है। दिग्गज आईटी कंपनी कैपजेमिनी के चेयरमैन पॉल हेरमेलिन ने शुक्रवार को यह बात कही। 

ग्लोबल बिजनेस समिट में हेरमेलिन ने कहा, 'चीन सही सोच रहा है, इसलिए वह सफल है क्योंकि डेटा एक अहम सामग्री है। चीन में डेटा की वही अहमियत है, जो सऊदी अरब में तेल की है। भारत डेटा के संदर्भ में चीन को टक्कर दे सकता है, क्योंकि वह एक विशाल आबादी वाला मुल्क है।' 

हेरमेलिन ने पश्चिमी देशों की वैश्विक कंपनियों को सेवाओं की बिक्री के जरिए आईटी उद्योग को प्रतिस्पर्धी और उत्पादक बनाने का श्रेय इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति और विप्रो के अजीम प्रेमजी जैसे पहली पीढ़ी के आईटी उद्यमियों को दिया। उन्होंने कहा कि कैपजेमिनी कुछ हद तक इसी मॉडल पर बनी है, जिसमें भारत में 1.06 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। 

भारतीय आईटी उद्योग ने वैश्विक कंपनियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए टैलेंट और बेस का इस्तेमाल किया और पिछले तीन दशकों में यह 180 अरब डॉलर का उद्योग बन गया। भारी तादाद में ऑफशोर बेस की वजह से आईबीएम, एक्सेंचर और कैपजेमिनी जैसी कंपनियों को फलने-फूलने का मौका दिया। 
 

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