Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2018 07:19 PM
विश्व बैंक के प्रमुख (भारत) जुनैद कमाल अहमद ने कहा कि भारत में भी सिलिकॉन वैली की तरह इनोवेट करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश को अभी इनोवेशन के लिए इको सिस्टम के विस्तार की जरूरत है क्योंकि यह एक मध्यम आय वाला देश बनने की तरफ बढ़ रहा है।
नई दिल्लीः विश्व बैंक के प्रमुख (भारत) जुनैद कमाल अहमद ने कहा कि भारत में भी सिलिकॉन वैली की तरह इनोवेट करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश को अभी इनोवेशन के लिए इको सिस्टम के विस्तार की जरूरत है क्योंकि यह एक मध्यम आय वाला देश बनने की तरफ बढ़ रहा है।
भारत में इनोवेशन को बढ़ावा देने की जरूरत
उन्होंने कहा कि क्या इनोवेशन की बात करते समय उत्पादकता उचित है। यह भारत के लिए बहुत ही जरूरी प्रश्न है क्योंकि देश आज निम्न मध्यम आय से उच्च आय वाला देश बनने की राह पर है। विकासशील देशों में इनोवेशन पर विश्व बैंक की रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम अगले 5 सालों में भारत में सिलिकन वैली तैयार कर सकते हैं। दुनिया बदल रही है और हम आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कंपनी का आकार, कंपनी की क्षमता और इनोवेशन में मजबूत संबंध है। भारत में इनोवेशन इको सिस्टम में कार्य करने की अधिक जरूरत है, जहां कंपनियां स्थिर बने रहती हैं। रिपोर्ट के अनुसार इनोवेशन में निवेश प्रक्रिया या उत्पादों में सुधार की स्थिति पर मिलता है न कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और नए उत्पाद के नकल को अपनाने से।
कम रिटर्न की वजह से इनोवेशन से बचते हैं देश
रिपोर्ट के मुताबिक, "ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई कंपनी या देश इनोवेशन में निवेश करता है, इसकी तुलना में वह जरूरी टेक्नोलॉजी, कॉन्ट्रैक्ट को भी इम्पोर्ट कर सकता है या ट्रेन्ड वर्कर्स या इंजीनियर्स की नियुक्ति करता है या नई ऑर्गनाइजेशन टेक्निक्स पर ध्यान देता है, क्योंकि ऐसे इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न खासा कम होता है।"