Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2018 02:23 PM
अमेरिकी सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने कहा है कि भारत द्वारा सेब पर शुल्क की दर को 50 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने के फैसले से अमेरिकी फल उत्पादक प्रभावित होंगे।
वाशिंगटनः अमेरिकी सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने कहा है कि भारत द्वारा सेब पर शुल्क की दर को 50 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने के फैसले से अमेरिकी फल उत्पादक प्रभावित होंगे। सांसदों का यह भी आरोप है कि भारत विश्च व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) के नियमों का दुरुपयोग कर रहा है। इससे पहले 28 मई को भारत ने डब्ल्यू.टी.ओ. को अधिसूचित किया कि उसकी योजना 21 जून से पहले सेब पर शुल्क की दर को बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने की है। हालांकि, सेब पर शुल्क दर पहले ही काफी ऊंची यानी 50 प्रतिशत है।
भारत ने अपने इस कदम को अमेरिका द्वारा एल्युमीनियम और इस्पात पर लगाए गए शुल्क को लेकर अपनी प्रतिक्रिया बताया है। वाशिंगटन राज्य के करीब एक दर्जन सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथाइजर को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमारा विचार है कि चीन और अन्य देशों की तरह भारत भी एकतरफा तरीके से डब्ल्यू.टी.ओ. नियमों का दुरुपयोग कर रहा है और आपको इसका विरोध करना चाहिए।’’
पत्र में कहा गया है कि भारत जाने वाले सेब पर ऊंचे शुल्क से वाशिंगटन के फल उत्पादक बुरी तरह प्रभावित होंगे। इस सत्र में 11.83 करोड़ डॉलर मूल्य के 77 लाख बॉक्स सेब भारत भेजे गए हैं।