Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 04:52 PM
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से वार्ता शुरू होने के संकेत दिए। केंद्रीय मंत्री ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा, हमने...
नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से वार्ता शुरू होने के संकेत दिए। केंद्रीय मंत्री ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा, हमने भारत- ईयू एफटीए पर दोबारा काम शुरू किया है। हमने उन्हें आमंत्रित किया है और इस पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2013 और 16 चरणों की चर्चा के बाद भी वार्ता आगे नहीं बढ़ी।
भारत और यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकारों ने पिछले साल यहां प्रस्तावित व्यापार समझौते पर वार्ता की। इसे आधिकारिक तौर पर द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) के रूप में वर्णित किया गया। समझौते को लेकर दोनों पक्षों ने समयबद्ध तरीके से काम करने की इच्छा व्यक्त की। समझौते के लिए वार्ता मई 2013 से जारी है लेकिन दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर उपजे मतभेद अभी तक नहीं सुलझ सके हैं। प्रस्तावित बीटीआईए पर वार्ता के दौरान कई बाधाएं सामने आईं। दोनों पक्षों के बीच प्रमुख मुद्दों जैसे बौद्धिक संपदा अधिकार, वाहनों और स्प्रिट पर शुल्क में कटौती और उदारवादी वीजा व्यवस्था पर मतभेद हैं। यूरोपीय संघ वाहनों पर शुल्क में कटौती के साथ शराब, स्प्रिट और डेयरी उत्पादों पर कर कटौती और मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था चाहता है। वहीं, दूसरी ओर भारत चाहता है कि यूरोपीय संघ उसे डेटा सुरक्षित देश का दर्जा दे।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय व्यापार गिरकर 2015-16 में 88.4 अरब डॉलर रहा, जो कि उससे पहले के वित्त वर्ष में 98.5 अरब डॉलर था। वैश्विक स्तर पर बढ़ते संरक्षणवाद को लेकर प्रभु ने कहा कि विभिन्न देश अपनी स्थितियों और रणनीतियों की फिर से समीक्षा कर रहे हैं लेकिन भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ सकरात्मक संबंध स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हमने एक ऐसा देश बनना तय किया है कि जो अपने सभी पारंपरिक मित्रों से जुड़े रहने के साथ नए दोस्त बनाना शुरू करेगा।