Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 Dec, 2019 11:06 AM
देश का निर्यात नवंबर महीने में 0.34 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 25.98 अरब डॉलर रहा। यह लगातार चौथा महीना है जबकि निर्यात में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण और चमड़ा उत्पादों....
नई दिल्लीः देश का निर्यात नवंबर महीने में 0.34 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 25.98 अरब डॉलर रहा। यह लगातार चौथा महीना है जबकि निर्यात में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण और चमड़ा उत्पादों के निर्यात में गिरावट की वजह से कुल निर्यात नीचे आया है। पिछले साल नवंबर में निर्यात 26.07 अरब डॉलर रहा था।
सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान आयात भी 12.71 फीसदी घटकर 38.11 अरब डॉलर रहा। पिछले साल के समान महीने में आयात 43.66 अरब डॉलर रहा था। समीक्षाधीन महीने में सोने का आयात 6.59 फीसदी बढ़कर 2.94 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी महीने में 2.76 अरब डॉलर था। माह के दौरा व्यापार घाटा कम होकर 12.12 अरब डॉलर पर आ गया। नवंबर, 2018 में व्यापार घाटा 17.58 अरब डॉलरथा।
समीक्षाधीन महीने में 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 17 का निर्यात नीचे आया। नवंबर में पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषणों, फल एवं सब्जियों, चमड़ा और चमड़ा उत्पादों और सिलेसिलाए परिधानों का निर्यात क्रमश: 13.12 फीसदी, 8.14 फीसदी, 15.10 फीसदी, 5.29 फीसदी और 6.52 फीसदी घट गया। समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 11.06 अरब डॉलर रहा। सालाना आधार पर यह 18.17 फीसदी कम रहा। वहीं गैर तेल आयात 10.26 फीसदी घटकर 27.04 अरब डॉलर रह गया।
कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में निर्यात 1.99 फीसदी घटकर 211.93 अरब डॉलर रहा है। वहीं इस अवधि में आयात 8.91 फीसदी घटकर 318.78 अरब डॉलर पर आ गया। अप्रैल-नवंबर की अवधि में व्यापार घाटा 54.06 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 82.47 अरब डॉलर रहा था। इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के चेयरमैन रवि सहगल ने व्यापार के ताजा आंकड़ों पर कहा, ‘‘इंजीनियरिंग निर्यात का प्रदर्शन नवंबर में काफी अच्छा रहा है। इसमें 6.32 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि कुल मिलाकर निर्यात व्यापार को लेकर माहौल चुनौतीपूर्ण और सुस्त बना हुआ है।'' सहगल ने कहा, ‘‘हम सरकार के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि निर्यातकों ने जो मुद्दे उठाए हैं उनका समाधान हो सकेगा।''