Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Apr, 2018 02:36 PM
राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों में एक दूसरे के यहां निवेश के मामले में भारत को सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। साथ ही 53 देशों के इस संगठन में ब्रिटेन के बाद भारत दूसरा सबसे अधिक निवेश आर्किषत करने वाला देश है। हाल ही में आई एक नई...
लंदनः राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों में एक दूसरे के यहां निवेश के मामले में भारत को सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। साथ ही 53 देशों के इस संगठन में ब्रिटेन के बाद भारत दूसरा सबसे अधिक निवेश आर्किषत करने वाला देश है। हाल ही में आई एक नई व्यापार समीक्षा में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट को अगले हफ्ते होने वाली राष्ट्रमंडल सदस्य देशों की सरकारों के प्रमुखों की बैठक (चोगम) से पहले जारी किया गया है।
‘‘राष्ट्रमंडल व्यापार समीक्षा 2018- राष्ट्रमंडल के लाभों का मजबूतीकरण’’ को राष्ट्रमंडल सचिवालय ने तैयार किया है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि राष्ट्रमंडल के भीतर सेवाओं के व्यापार में भारत पांच सबसे शीर्ष देशों में से एक है। इस मामले में उसने कनाडा को इस मामले में पछाड़ दिया है। इसके अलावा इनमें ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और ब्रिटेन शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005 से 2016 के बीच राष्ट्रमंडल देशों से एफडीआई पाने वाला भारत शीर्ष देश रहा। यह निवेश एकदम नए सिरे से किया जाने वाला निवेश है। इतना ही नहीं यह राष्ट्रमंडल देशों के अलावा दुनिया के अन्य देशों से भी सबसे ज्यादा एफडीआई पाने वाला देश रहा है। वर्ष 2015 में यह चीन को पछाड़कर नए सिरे एफडीआई पाने वाला सबसे बड़ा देश बन गया। नए सिरे से किए जाने वाले एफडीआई से तात्पर्य ऐसे निवेश से है जहां कोई कंपनी या सरकार किसी देश में नई सुविधाओं का निर्माण करके नए उपक्रम की स्थापना करती है।