Edited By ,Updated: 12 May, 2017 04:56 PM
फिच रेटिंग ने आज कहा कि भारतीय प्रशासन बैंकिंग क्षेत्र में पुराने फंसे कर्ज की समस्या...
नई दिल्ली: फिच रेटिंग ने आज कहा कि भारतीय प्रशासन बैंकिंग क्षेत्र में पुराने फंसे कर्ज की समस्या से निपटने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है लेकिन उसकी इस पहल से निकट भविष्य में बैंक के मुनाफे पर असर पड़ सकता है। एजेंसी ने कहा है कि अगले कुछ सालों के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में फंसे कर्ज की समस्या केन्द्र में बनी रहेगी और उनमें नुकसान बढ़ने की स्थिति में पहले से कमजोर कुछ बैंकों को यदि अनुमानित पूंजी नहीं मिलती है तो वह न्यूनतम पूंजी जरूरत की सीमा में भी नहीं रह पाएंगे।
बैंकों के मुनाफे पर लगातार दबाव बढे़गा
भारत में हाल में जो भी नियामकीय कदम उठाए गए उनसे यही आभास मिलता है कि प्रशासन बैंकों में फंसे कर्ज की समस्या से निपटने के लिए अधिक मजबूत प्रयास कर रहा है। फिच ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में इसके लिए बैंकों को अधिक प्रावधान करना होगा और इसका मतलब होगा कि बैंकों के मुनाफे पर लगातार दबाव बढे़गा।’’ कुल मिलाकर सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में स्थिति को साफ सुथरा बनाने का जो काम शुरू किया है, उससे क्षेत्र में मजबूती आएगी। बैंकों का करीब 9 लाख करोड़ रुपए से लेकर 12 लाख करोड़ रुपए तक की राशि कर्ज में फंसी पड़ी है। इसमें पुराना कर्ज, पुनर्गठित ऋण और कंपनियों को मिलने वाला अग्रिम शामिल है जिनकी समय पर वसूली नहीं हो पा रही है।