'चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5% रहेगी, बढ़ती तेल कीमतें चुनौती'

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Apr, 2018 12:39 PM

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भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और इस वित्‍त वर्ष (2018-19) में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।

नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और इस वित्‍त वर्ष (2018-19) में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। बैंक ने कहा कि 2018-19 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि दर 2017-18 में 6.6 प्रतिशत से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। निवेश गतिविधियों में सुधार के चलते तेजी की उम्मीद है। 

इन कारकों की वजह से हो सकता है जोखिम
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, आर.बी.आई. द्वारा अनुमान से पहले दरों में वृद्धि का चक्र शुरू करने, बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी का कर्ज और समग्र वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की आशंका जैसे कुछ कारक हैं जो सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के पूर्वानुमान के लिए जोखिम खड़ा कर सकते हैं।

क्रूड का विकास दर पर कितना होगा असर 
कच्चे तेल की कीमत वर्तमान में 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो कि दिसंबर 2017 के स्तर से 12 प्रतिशत ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक तेल कीमतों में 10 डॉलर की बढ़ोत्तरी से आर्थिक वृद्धि दर में 0.10 प्रतिशत तथा अन्य कारक वृद्धि दर को 0.15 से 0.20 प्रतिशत और कम कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि तेल कीमतों में वृद्धि से सुधार की गति धीमी पड़ सकती है इसके बावजूद 2018-19 और उससे आगे क्रमिक रूप से आर्थिक गति में सुधार होगा। 

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