कच्चे तेल के ऊंचे दाम की वजह से राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य के पार जाने का जोखिम: मूडीज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Aug, 2018 06:46 PM

india may breach 3 3 fiscal deficit target as oil prices rise moody s

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स र्सिवस ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सामने 3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पार कर जाने का जोखिम है।

नई दिल्लीः क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स र्सिवस ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सामने 3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पार कर जाने का जोखिम है। उसने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से अल्पकालिक राजकोषीय दबाव बढ़ेगा।

एजेंसी ने कहा कि चालू खाते का घाटा बढ़ेगा लेकिन यह देश की बाह्य स्थिति को जटिल नहीं कर सकेगा और यह खाई 5 साल पहले की तुलना में कमतर रहेगी। मूडीज ने कहा, ‘‘कुछ सामानों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम करने तथा कुछ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के बाद कच्चे तेल की ऊंची कीमतें अल्पकालिक राजकोषीय दबाव में वृद्धि करेंगी। हमें इस बात का जोखिम दिखता है कि राजकोषीय घाटा बजट आकलन की तुलना में अधिक रहेगी।’’

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान ही राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 68.7 प्रतिशत के स्तर को छू चुका है। मूडीज ने अनुमान व्यक्त किया है कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें तथा तेज गैर-तेल आयात मांग के कारण मार्च 2019 में समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा पिछले वित्त वर्ष के 1.5 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 2.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।      


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!